कालका-शिमला रेल को मिलेगी नई जिंदगी
कालका, 11 नवंबर (आईएएनएस)। यूनेस्को द्वारा कालका-शिमला रेलवे को विश्व धरोहर का दर्जा दिए जाने के बाद लोगों में यह उम्मीद जगी है कि इस प्राचीन रेल लाइन को अब नई जिंदगी मिल जाएगी।
कालका से शिमला के बीच 96 किलोमीटर के अपने विस्तार में यह रेल लाइन पहाड़ों से गुजरते हुए 102 सुरंगों, 800 पुलों व 900 मोड़ों को पार करती है।
इस रेल लाइन का निर्माण ब्रिटिश शासन के दौरान भारत की गर्मी की राजधानी रहे शिमला को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने के लिए वर्ष 1898 में किया गया था।
4 हजार फुट ऊंचाई से होकर गुजरने वाली 2 फुट 6 इंच चौड़ी इस रेल लाइन को वर्ष 1903 में नवंबर महीने की 9 तारीख को यातायात के लिए खोला गया था।
1960 के दशक में इस रेलवे लाइन पर भाप का इंजन चला चुके 56 वर्षीय वेद प्रकाश विश्व धरोहर के दर्जे का मतलब तो नहीं समझते, लेकिन वह इस रेल लाइन के विकास की उम्मीद जरूर लगाए बैठे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।