सोनिया से मिलने के बाद मार्गरेट अल्वा ने दिया इस्तीफा (लीड-1)
नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में टिकट बेचने के अपने बयान पर उठे विवाद के बारे में सोनिया गांधी के सामने सुबह अपनी स्थिति स्पष्ट करने के बाद मार्गरेट अल्वा ने मंगलवार को कांग्रेस महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया।
पार्टी की अनुशासन समिति ने कर्नाटक की इस 66 वर्षीय नेता के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार अल्वा को मिजोरम से बुलाकर अनुशासन समिति के अध्यक्ष ए.के.एंटनी के समक्ष सोमवार को यह स्पष्ट करने को कहा गया था कि मई में कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनावों के टिकट किस तरह बेचे गए थे। अल्वा महाराष्ट्र,पंजाब, हरियाणा और मिजोरम राज्यों की प्रभारी थीं।
इसके बाद अल्वा ने मंगलवार को सोनिया गांधी से भेंट करने के बाद महासचिव पद से अपना इस्तीफा सौंप दिया।
पिछले सप्ताह एक साक्षात्कार में अल्वा ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक विधानसभा के चुनावों में टिकट बेचे गए थे और छह राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए उम्मीदवारों के चयन के लिए भिन्न-भिन्न मापदंड अपनाए जा रहे हैं।
उन्होंने प्रश्न किया कि क्यों उनके पुत्र निवेदित और पूर्व केंद्रीय मंत्री सी.के.जाफर शरीफ के पौत्र को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं दिया गया, जबकि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और जम्मू और कश्मीर में 24 से अधिक नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट दिया गया है।
अल्वा ने पूछा कि क्या उनका पुत्र और शरीफ का पौत्र राष्ट्रविरोधी, आतंकवादी या तस्कर हैं?
अल्वा के समर्थन में कुछ अन्य नेता भी सामने आएं हैं। पार्टी के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष योगेंद्र मकवाना ने कहा कि अल्वा के आरोपों में कुछ तो सच्चाई है।
बहरहाल कांग्रेस ने इस आरोप से इंकार किया है। कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने अल्वा के इन आरोपों से इंकार करते हुए कहा था कि चुनाव के दौरान उम्मीदवारों को लेकर मतभेद हो सकते हैं लेकिन उन्हें सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल जीतने की संभावना और पार्टी विचारधारा ही चुनाव में टिकट देने का आधार हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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