फुटपाथ पर रेजर बेचने वाला बना छोटे पर्दे का सितारा
नई दिल्ली, नवंबर 11 (आईएएनएस)। कभी पुरानी दिल्ली के फुटपाथ पर कंघी और रेजर बेचने वाले इस लड़के ने अथक संघर्ष के बाद लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में 'सबसे कम समय में फिल्म बनाने' का रिकार्ड दर्ज करवाया।
इसी शख्स ने दो दशक से ज्यादा समय तक दूरदर्शन पर समाचार वाचक के रूप में रहकर घर-घर में अपनी पहचान बनाई। रेडियो व टीवी के लिए दर्जनों विज्ञापन व लघु फिल्में भी बनाईं। कई देशों में आयोजित कार्यक्रमों में बतौर मंच संचालक उसने मंच संभाला। कई नामी गिरामी हस्तियों के साथ सुपरहिट स्टेज शो किए और अंतत: अपनी सिने कंपनी बनाकर खुद को एक सफल उद्योगपति के रूप में स्थापित किया।
जसवीन जस्सी, अस्सी और नब्बे के दशक में उन चुनिंदा टीवी हस्तियों में थे जो अपने आप में छोटे पर्दे के सुपरस्टार का दर्जा रखते थे। उन्होंने आठ साल की उम्र में पुरानी दिल्ली की गलियों में रेजर, कंघियां आदि बेचकर अपने को पैरों पर खड़ा किया। इसके बाद रेडियो, टीवी, स्टेज शो और फिर अंतत: एक सफल टीवी कार्यक्रमों के निर्माण से जुड़ी कंपनी स्थापित की।
बहुमुखी प्रतिभा के धनी जस्सी ने अपने जीवन के संघर्षो को आत्मकथात्मक पुस्तक 'हैव गट्स द अनटायरिंग ट्रथ" में समेटा है। आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा, "मेरी इस अनुभव को जनसाधारण के साथ बांटने की इच्छा थी कि कैसे एक आम आदमी भी सफलता के शिखर पर पहुंच सकता है, बशर्ते उसमें मजबूत इच्छाशक्ति, ईमानदारी और जी तोड़ मेहनत करने का माद्दा हो। "
जस्सी ने बड़े बेबाक तरीके से बयान किया है कि किस तरह उन्होंने सरकारी गलियारों में अपनी इच्छाशक्ति और बिना किसी गॉडफादर के सहारे दूरदर्शन और रेडियो पर खुद को स्थापित किया।
लेकिन इससे पहले जस्सी ने आजीविका चलाने के लिए पढ़ाई के साथ-साथ पहले पुरानी दिल्ली की गलियों में और फिर देश के कई शहरों में एक आम सेल्समैन की तरह जाकर रेजर, कंघियां और कई किस्म का सामान बेचा। जस्सी की 144 पृष्ठों की आत्मकथा को डायमंड बुक्स ने प्रकाशित किया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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