13 वर्षीय ब्रिटिश किशोरी ने मौत के अधिकार की लड़ाई जीती
लंदन, 11 नवंबर (आईएएनएस)। असाध्य रोग से ग्रस्त ब्रिटेन की 13 वर्षीय किशोरी ने अपने जीवन के आखिरी दिन बिना किसी इलाज के अपने घर पर परिवार और दोस्तों के साथ बिताने के लिए एक अस्पताल के साथ लंबी कानूनी लड़ाई जीत ली है।
लंदन, 11 नवंबर (आईएएनएस)। असाध्य रोग से ग्रस्त ब्रिटेन की 13 वर्षीय किशोरी ने अपने जीवन के आखिरी दिन बिना किसी इलाज के अपने घर पर परिवार और दोस्तों के साथ बिताने के लिए एक अस्पताल के साथ लंबी कानूनी लड़ाई जीत ली है।
हान्ना जोन्स एक विशेष प्रकार के ल्यूकोमिया से ग्रस्त है। स्थानीय अस्पताल ने उसके ह्रदय प्रत्यारोपण के लिए बाल संरक्षण कार्यालय से उसे उसके माता-पिता के कब्जे से मुक्त कराने के लिए आवेदन दिया था।
इस मामले में उच्च न्यायालय ने अस्पताल की याचिका खारिज करते हुए फैसला सुनाया कि किशोरी अपने इलाज के बारे में फैसला करने में स्वयं सक्षम है।
हरफोर्ड के चिकित्सकों ने हान्ना के ह्रदय प्रत्यर्पण की सलाह दी थी लेकिन वे इसके बाद भी उसके लंबे समय तक जीवित रहने के बारे में आश्वस्त नहीं थे। उल्लेखनीय है कि हन्ना के दिल में पांच सुराख हैं।
हन्ना के माता-पिता क्रिस्टी और एंड्रयू जोन्स ने 'द टेलीग्राफ' समाचार पत्र से कहा कि उनको बहुत खुशी है कि हान्ना अपने अधिकारों के लिए बहादुरी के साथ खड़ी रही।
हान्ना के अभिभावकों को उम्मीद है कि क्रिसमस तक हान्ना उनके साथ होगी। अब वे फ्लोरिडा के डिज्नीलैंड की सैर की हान्ना की अंतिम इच्छा पूरी करने के भरसक प्रयास कर रहे हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।