विस चुनाव : मप्र में जेल भेजे गए पर्यटन मंत्री के इस्तीफे को लेकर दिनभर लगती रहीं अटकलें
भोपाल, 11 नवंबर (आईएएनएस) मध्यप्रदेश के देवास जिले में निर्वाचन अधिकारी से बदसलूकी करने के आरोप में राज्य के पर्यटन मंत्री तुकोजीराव पवार को मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल तो भेज दिया गया, लेकिन उनकी गिरफ्तारी को लेकर राजधानी के राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में यह सवाल दिनभर तैरता रहा कि पवार ने अपनी गिरफ्तारी से पूर्व मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है या नहीं। देर रात ही स्पष्ट हो सका कि पवार ने इस्तीफा नहीं दिया है और वह मंत्री के रूप में ही गिरफ्तार होकर जेल गए हैं।
भोपाल, 11 नवंबर (आईएएनएस) मध्यप्रदेश के देवास जिले में निर्वाचन अधिकारी से बदसलूकी करने के आरोप में राज्य के पर्यटन मंत्री तुकोजीराव पवार को मंगलवार को गिरफ्तार कर जेल तो भेज दिया गया, लेकिन उनकी गिरफ्तारी को लेकर राजधानी के राजनीतिक और प्रशासनिक हलकों में यह सवाल दिनभर तैरता रहा कि पवार ने अपनी गिरफ्तारी से पूर्व मंत्रिमंडल से इस्तीफा दिया है या नहीं। देर रात ही स्पष्ट हो सका कि पवार ने इस्तीफा नहीं दिया है और वह मंत्री के रूप में ही गिरफ्तार होकर जेल गए हैं।
उल्लेखनीय है कि देवास में निर्वाचन अधिकारी से शनिवार को कथित तौर पर अभद्र व्यवहार किए जाने पर पवार के खिलाफ रविवार को मामला दर्ज किया गया था। इसी आधार पर मंगलवार को पवार और सोनकच्छ से भाजपा प्रत्याशी फूलचंद वर्मा को पुलिस ने गिरफ्तार किया। दोनों ही नेताओं ने जमानत के लिए आवेदन नहीं दिया, लिहाजा परिणामस्वरूप मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जसवीर कौर ने उन्हें 24 नवंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
राज्य सरकार के मंत्री के रूप में पवार के गिरफ्तार होकर जेल जाने पर कानून के जानकारों का मानना है कि इस्तीफा देना संवैधानिक बाध्यता तो नहीं है मगर नैतिकता ऐसा करने के लिए कहती है। संविधान विशेषज्ञ और मध्यप्रदेश विधानसभा के पूर्व सचिव विश्वेन्द्र मेहता का मानना है कि पवार को अपनी गिरफ्तारी के पूर्व नैतिकता के नाते इस्तीफा दे देना चाहिए था।
मेहता ने आईएएनएस से चर्चा करते हुए , "हुगली के ईदगाह मैदान पर तिरंगा फहराए जाने के मामले में जारी किए गए अपनी गिरफ्तारी के वारंट पर उमा भारती ने भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। यह इस्तीफा उन्होंने सिर्फ नैतिकता के आधार पर दिया था। और भी ऐसे कई उदाहरण हैं जिनमें केंद्र और राज्य सरकारों के कई मंत्रियों की अलग-अलग मामलों में गिरफ्तारी हुई है, लेकिन उन सभी ने अपनी गिरफ्तारी से पूर्व अपने पद से इस्तीफा दिया है या उनसे इस्तीफा मांग लिया गया है।"
उधर, मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता के.के मिश्रा और राज्य के पूर्व मंत्री राजा पटैरया ने कहा है कि संवैधानिक बाध्यता भले ही न हो, पर जेल भेजे जा चुके पवार को न तो मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया है और न ही पवार ने नैतिकता के नाते इस्तीफा दिया है, इसलिए यह माना जाना चाहिए कि मध्यप्रदेश में सरकार जेल चली गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।