विस चुनाव : चंबल के चुनाव पर इस बार भी रहेगी 'डकैत छाया'
भोपाल, 10 नवंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश के चंबल इलाके के विधानसभा और लोकसभा चुनावों पर परोक्ष अथवा अपरोक्ष तौर पर 'डकैत छाया' रहती है। मध्यप्रदेश का आगामी विधानसभा चुनाव भी इस छाया से दूर नहीं रहने वाला है। ऐसा इसलिए है क्योंकि श्योपुर जिले की विजयपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व डकैत रमेश सिकरवार और शिवपुरी के पोहरी से रामबाबू गड़रिया की बहन रामश्री चुनाव मैदान में है।
पूरे देश में चंबल इलाके की पहचान ही डकैतों की वजह से है। मध्यप्रदेश और उत्तरप्रदेश में सत्ता चाहे जिन दलों की रही हो मगर चंबल में तो डकैत राज ही चला है। इस इलाके में मोहर सिंह, माधव सिंह, निर्भय सिंह, जगजीवन परिहार, राम बाबू गड़रिया, पहलवान सिंह गुर्जर, रामवीर सिंह गुर्जर, राम सहाय उर्फ फक्कड़, कुसमा नाइन, सीमा परिहार, रमेश सिकरवार का अरसे तक बोल बाला रहा है।
इन डकैत गिरोहों का तमाम राजनीतिक दलों ने अपने स्वार्थो की खातिर भरपूर उपयोग किया है। जातिगत आधार पर राजनेताओं ने डकैतों को पहले संरक्षण दिया और जब चुनाव करीब आए तो उनका इस्तेमाल करने में कोई भी पीछे नहीं रहा। इसके लिए कई डकैतों ने तो उम्मीवारों के समर्थन में पत्र भी सार्वजनिक तौर पर जारी कर मतदाताओं को धमकाया तक है। आज स्थिति यह है कि चंबल के बीहड़ में कोई बड़ा नाम नहीं बचा है। कई मारे जा चुके हैं और कुछ जेल में हैं। इतना ही नहीं समर्पण के बाद अपनी सजा काट चुके कुछ डकैत आजाद जिंदगी जी रहे हैं।
इस चुनाव में सीधे तौर पर तो कोई भी डकैत गिरोह अपनी भूमिका निभाने की स्थिति में नहीं है, मगर डकैत छाया नहीं रहेगी इससे इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसा इसलिए क्योंकि श्योपुर के विजयपुर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व डकैत रमेश सिकरवार समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। इतना ही नहीं शिवपुरी की पोहरी विधानसभा क्षेत्र से राष्ट्रीय समानता दल ने मारे जा चुके डकैत रामबाबू गड़रिया की बहन रामश्री को चुनाव मैदान में उतारा है। डकैत भले ही चंबल क्षेत्र में न हो मगर उनसे जुड़े लोग अब भी सक्रिय हैं।
विजयपुर से कांग्रेस के प्रत्याशी रामनिवास रावत ने आईएएनएस से चर्चा के दौरान माना कि चंबल इलाके के चुनाव में इस बार भी डकैत छाया रहेगी। वे कहते हैं कि ये लोग इस बार भी अपने स्तर पर चुनाव पर असर डाल सकते हैं। जरूरत है कि जनता जागृत हो और ऐसे लोगों को पूरी तरह नकार दे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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