खुद को दोयम दर्जे का न समझें मुसलमान : एमजे अकबर
हैदराबाद, 9 नवंबर (आईएएनएस)। प्रसिद्ध पत्रकार और लेखक एम.जे. अकबर ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से कहा है कि वे खुद को दोयम दर्जे का न समझें और इस्लाम के बारे में फैली भ्रांतियों तथा उसकी गलत व्याख्या को दूर कर समाज में अपना स्थान बनाएं।
वह हैदराबाद में देश के सबसे पुराने मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के 29वें आम सम्मेलन में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा, "पवित्र कुरान में धर्मनिरपेक्षता को बहुत अच्छी तरह से परिभाषित किया गया है। इसमें कहा गया है, 'आप अपने मजहब को मानिए और मैं अपने मजहब को मानता हूं'। हमें दूसरों के साथ तालमेल बनाते हुए इसी सिद्धांत को अपनाना चाहिए। "
आतंकवाद और इस्लाम को जोड़े जाने के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इस्लाम कहता है कि किसी एक व्यक्ति की हत्या पूरी मानवता की हत्या है।
अकबर ने मुस्लिम समुदाय से अपनी कमजोरियों को भांपने की अपील की। उन्होंने कहा कि गरीबी, निरक्षरता और लिंग के आधार पर भेदभाव मुसलमानों के सबसे बड़े दुश्मन हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।