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देशभक्ति के अतिरेक में दिशाहीनता का शिकार हो गया लेफ्टिनेंट पुरोहित !

By Staff
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नासिक, 9 नवंबर (आईएएनएस)। लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को उनके पड़ोसी एक मृदुभाषी नवयुवक और सेना के उनके वरिष्ठ अधिकारी एक संभावनाशील अधिकारी के रूप में सराहते थे लेकिन मालेगांव बम विस्फोट में उसकी गिरफ्तारी सेना के लिए शर्मिदगी का सबब बन गई।

नासिक, 9 नवंबर (आईएएनएस)। लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को उनके पड़ोसी एक मृदुभाषी नवयुवक और सेना के उनके वरिष्ठ अधिकारी एक संभावनाशील अधिकारी के रूप में सराहते थे लेकिन मालेगांव बम विस्फोट में उसकी गिरफ्तारी सेना के लिए शर्मिदगी का सबब बन गई।

एक सुसंस्कृत मध्यमवर्गीय महाराष्ट्रीयन ब्राह्मण परिवार में जन्मा और पुणे के प्रतिष्ठित स्कूल कालेजों में पढ़ा लिखा पुरोहित देश सेवा के लिए सेना में भर्ती हुआ।

पुरोहित की आध्यात्मिक गुरू शीला दिघे ने आईएएनएस से कहा, "उसके अंदर देशभक्ति की भावना कूट कूट कर भरी हुई थी। वह राजनीति में जाना चाहता था लेकिन मैंने उसे सेना में जाने के लिए प्रेरित किया।"

पुणे में सर्विस सिलेक्शन बोर्ड के प्रमुख रहे लेफ्टिनेंट कर्नल जयंत चितले (सेवानिवृत्त) पुरोहित को एक कड़ी मेहनत करने वाले संभावनाशील नौजवान के रूप में याद करते हैं।

चितले ने आईएएनएस से कहा, "प्रशिक्षण पूरा होने के बाद भी वह मुझसे कई बार मिला। मुझे हमेशा उसके बारे में सकारात्मक जानकारी ही मिली।"

पुरोहित संभवत: अभिनव भारत नामक कट्टरपंथी संगठन के संपर्क में उस समय आया जब वह नासिक के नजदीक सेना के देवलाली कैंप में पदस्थ था। संगठन के सदस्यों को व्याख्यान देने के अलावा माना जाता है कि पुरोहित ने उन्हें हथियार चलाने का प्रशिक्षण भी दिया। यह भी कहा जाता है कि उसने बजरंग दल के सदस्यों को भी हथियार चलाने के लिए प्रशिक्षित किया।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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