विस चुनाव : मध्यप्रदेश में भाजपा ने सात सांसदों को मैदान में उतार
भोपाल, 8 नवंबर (आईएएनएस)। मध्यप्रदेश की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने एक नया प्रयोग करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में सात सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा है। इसके अतिरिक्त भाजपा से बगावत करने वाले दो सांसदों में से एक ने समाजवादी पार्टी (सपा) और दूसरे ने कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरकर ताल ठोकी है।
भाजपा ने भिंड के सांसद राम लखन सिंह को भिंड, खजुराहो के सांसद रामकृष्ण कुसमरिया को पथरिया (दमोह), बालाघाट के सांसद गौरी शंकर बिसेन को बालाघाट सिवनी की सांसद नीता पटेरिया को सिवनी, होशंगाबाद के सांसद सरताज सिंह को सिवनी मालवा, विदिशा के सांसद राम पाल को सिलवानी और धार के सांसद छतरसिंह दरबार को गंधवानी से चुनाव मैदान में उतारा है। मध्यप्रदेश की राजनीति में यह पहला ऐसा प्रयोग है जिसमें इतनी बड़ी संख्या में किसी एक दल ने सांसदों को विधायक का चुनाव लड़ाने का फैसला लिया है।
सांसदों को विधानसभा चुनाव लड़ाए जाने के पीछे भाजपा का अपना तर्क है। प्रदेशाध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर कहते हैं कि कुछ सांसदों की चुनाव लड़ने की इच्छा थी और पार्टी ने भी पाया कि ये चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार हो सकते है इसलिए क्यों न उन्हें मैदान में उतारा जाए। पार्टी भले ही अपना तर्क दे रही हो मगर हकीकत यह है कि अधिकांश सामान्य क्षेत्र से चुनाव लड़ने वाले सांसदों के क्षेत्र परिसीमन के चलते आरक्षित हो गए हैं। इस स्थिति में इन सांसदों को अपना भविष्य खतरे में नजर आ रहा था। इसलिए उन्होंने सारा जोर विधानसभा का टिकट हासिल करने में लगा दिया। इतना ही नहीं पार्टी यह भी मानती है कि यह सांसद भले ही अगले लोकसभा चुनाव में करिश्मा न दिखा पाए, मगर अपने संसदीय क्षेत्र के एक विधानसभा क्षेत्र में तो अपना असर दिखा ही सकते है।
भाजपा के इन सात सांसदों की तरह ही दो अन्य बागी सांसदों ने भी विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में टिकट पाने की उम्मीद से गए सीधी के सांसद मानक सिंह जब टिकट नहीं पा सके तो उन्होंने सपा का दामन थाम लिया। सपा ने उन्हें चितरंगी विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी घोषित किया है। इसके अलावा भाजपा से कांग्रेस में शामिल हुए दमोह के सांसद चंन्द्रभान सिंह को दमोह से कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बनाया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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