चंद्रयान-1 चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा (लीड-2)
बेंगलुरू, 8 नवंबर (आईएएनएस)। अपने पहले मानवरहित अंतरिक्षयान चंद्रयान-1 को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचाने के साथ ही देश ने शनिवार को एक नया इतिहास रच डाला।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष जी. माधवन नायर ने इस सफलता के बाद पत्रकारों को बताया कि चंद्रयान-1 को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कराने की कार्रवाई बिल्कुल सटीक रही।
इस सफलता के साथ ही अमेरिका, पूर्व सोवियत संघ, जापान व चीन के बाद चंद्रमा पर अपना अंतरक्षियान भेजने वाला भारत पांचवा देश बन गया है।
नायर के अनुसार चंद्रयान-1 में लगे तरल इंजन को शाम 4.51 बजे बेंगलुरू स्थित अंतरिक्ष एजेंसी के टेलीमेट्री, ट्रेकिंग व कमांड नेटवर्क (इस्ट्रैक) से चालू किया गया। इंजन के चालू होने के साथ ही अंतरिक्षयान चंद्रमा के दीर्घवृत्ताकार कक्ष में प्रवेश कर गया।
इसरो के निदेशक एस. सतीश ने आईएएनएस को बताया कि चंद्रयान-1 अब चंद्रमा से महज 500 किलोमीटर दूरी पर रह गया है।
सतीश के अनुसार अंतरिक्षयान को चंद्रमा से 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थापित कर दिया जाएगा।
इसरो अध्यक्ष नायर के अनुसार अंतरिक्षयान को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कराने की सारी कार्रवाई अब पूरी हो चुकी है।
सभी अंतरिक्ष केंद्रों ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि चंद्रयान-1 के सभी यंत्र समान्य रूप से काम कर रहे हैं। चंद्रयान को स्थापित करने में अभी पांच दिन लगेंगे। उसके बाद 15 नवंबर को चंद्रयान पर लगी चंद्र खोजी मशीन चंद्रमा के सतह पर छोड़ दी जाएगी। इसी समय भारतीय तिरंगा भी चंद्रमा पर फहरा दिया जाएगा।
चंद्रयान पर लगा कैमरा नियमिति रूप से चंद्रमा की तस्वीरें लेता रहेगा। अंतरिक्षयान में लगे बाकी सभी 9 उपकरणों को इस महीने के अंत में चालू कर दिया जाएगा।
ज्ञात हो कि चंद्रयान में कुल 11 उपकरण साथ लगाए गए हैं। इसमें दो अमेरिका से , तीन यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) से और एक बुल्गारिया से मंगाए गए थे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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