बर्बर और बेलगाम होती हरियाणा पुलिस
चंडीगढ़ , 8 नवंबर (आईएएनएस)। हरियाणा पुलिस की बंदूकों से गोलियां बड़ी आसानी से निकल रही हैं। कभी इन गोलियों का निशाना एक निहत्था नौजवान बनता है तो कभी तनख्वाह बढ़ाने की मांग करता हुआ कोई शिक्षक इनकी चपेट में आ जाता है।
चंडीगढ़ , 8 नवंबर (आईएएनएस)। हरियाणा पुलिस की बंदूकों से गोलियां बड़ी आसानी से निकल रही हैं। कभी इन गोलियों का निशाना एक निहत्था नौजवान बनता है तो कभी तनख्वाह बढ़ाने की मांग करता हुआ कोई शिक्षक इनकी चपेट में आ जाता है।
राज्य पुलिस का ताजा शिकार 22 वर्षीय छात्र कुलदीप तंवर बना। गत रविवार को पुलिस ने उसे गैंगस्टर समझकर मार दिया। इस घटना को लेकर जब पुलिस की काफी लानत मलानत हुई तो उसे कुछ शर्म आई और उसने अपनी गलती मानी।
अब कुलदीप को मारने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई या फिर मुख्यमंत्री भूपिन्दर सिंह हूडा द्वारा 500,000 रुपये के मुआवजे का ऐलान करने से पीड़ित परिवार को सांत्वना नहीं मिल पाएगी।
मामला सिर्फ कुलदीप का नहीं है। अक्टूबर महीने में राज्य के झज्जर जिले में पुलिसकर्मियों ने एक व्यक्ति को इसलिए गोली मार दी क्योंकि उसने बिना तलाशी वारंट के अपने की घर की तलाशी देने से मना कर दिया था।
सितंबर माह में रोहतक जिले के राजरानी नामक एक शिक्षिका की मौत पुलिस की गोलियों से हुई। हालांकि वे गोलियां रबड़ की थीं। जून माह में भी पुलिस ने महेंद्र कुमार नाम के एक युवक को मार डाला था क्योंकि उसने अपनी जीप पुलिस बैरिकेड के पास नहीं रोकी थी। इन मामलों के आलावा कई ऐसी कारगुजारियां हैं जो हरियाणा पुलिस की शाख पर बट्टा लगा रही हैं।
इस संबंध में पंजाब पुलिस के एक सेवानिवृत्त महानिदेशक कहते हैं कि उन कारणों का पता लगाना चाहिए जिनकी वजह से हरियाणा पुलिस इस तरह की हरकतों को अंजाम दे रही है।
विपक्षी दल इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के नेता अजय चौटाला का कहना है कि राज्य की पुलिस नियंत्रण के बाहर हो चुकी है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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