मिराज-2000 विमानों में सुधार से दूर होगी लड़ाकू जेट विमानों की कमी
पेरिस, 7 नवंबर (आईएएनएस)। मिराज-2000 लड़ाकू जेट विमानों के बेड़े में सुधार लाकर भारतीय वायु सेना अपनी आक्रामक क्षमता में आई गिरावट को ऊपर उठा सकता है। ये बातें सुधार के इस सौदे से जुड़ी फ्रांस की प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक कंपनी थालेस की तरफ से कही गईं हैं।
पेरिस, 7 नवंबर (आईएएनएस)। मिराज-2000 लड़ाकू जेट विमानों के बेड़े में सुधार लाकर भारतीय वायु सेना अपनी आक्रामक क्षमता में आई गिरावट को ऊपर उठा सकता है। ये बातें सुधार के इस सौदे से जुड़ी फ्रांस की प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक कंपनी थालेस की तरफ से कही गईं हैं।
थालेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष व कंपनी के अंतरिक्षयान विभाग के प्रमुख फ्रैंकॉइस क्वेंटिन ने यहां भारतीय पत्रकारों के एक दल को बताया कि मिराज बेड़े की कार्य क्षमता में सुधार से भारतीय वायु सेना की आकाशीय सक्रियता महत्वपूर्ण रूप से बढ़ जाएगी।
क्वेंटिन ने कहा कि इसके कारण भारतीय वायु सेना के पास अगले बीस वर्षों तक कम खर्च में वह क्षमता उपलब्ध होगी, जो नए विमानों के बराबर काम करेगी।
थालेस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि विमानों में सुधार का अंतिम निर्णय वर्ष के अंत तक ले लिया जाएगा, ताकि वर्ष 2009 के प्रारंभ में यह परियोजना शुरू की जा सके।
हालांकि गोपनीय मामला होने के कारण थैलेस ने इस काम में आने वाले खर्च का ब्योरा नहीं दिया, लेकिन 51 मिराज-2000 विमानों के सुधार में लगभग 1.5 अरब डालर की लागत का अनुमान है।
विमानों में सुधार के अलावा भारतीय वायु सेना ने मध्यम दर्जे के 126 बहुउद्देशीय विमानों की खरीद के लिए वर्ष 2007 के सितंबर महीने में एक 10 अरब डालर की वैश्विक निविदा जारी की थी।
खबरों के मुताबिक इसमें से 6 जेट विमानों के जल्द उपलब्ध होने की संभावना है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।