आतंकी कार्रवाई में सैन्य अधिकारी की संलिप्तता पर सरकार व राजनीतिक पार्टियों ने जताई चिंता
नई दिल्ली, 7 नवंबर (आईएएनएस)। मालेगांव विस्फोट मामले में एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी की गिरफ्तारी को जहां रक्षा मंत्री ए.के. एंटोनी ने गंभीर मामला बताया है, वहीं कांग्रेस व मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी(माकपा) ने सेना में हिंदू कट्टरपंथी तत्वों की खतरनाक घुसपैठ पर चिंता जताई है।
एंटोनी ने महाराष्ट्र पुलिस के आतंक विरोधी दस्ते(एटीएस) द्वारा मंगलवार को की गई लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित की गिरफ्तारी पर शुक्रवार को अपनी प्रतिक्रिया में कहा था कि "यह घटना हम सभी के लिए एक गंभीर मामला है।''
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी शुक्रवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि "हमें अपनी सेना पर गर्व है, लेकिन उन सैनिकों पर हम लज्जित हैं, जो कुछ राजनीतिक पार्टियों के प्रभाव में आकर देश के लोकतांत्रिक व धर्मनिरपेक्ष ढांचे को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं।''
उधर मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी ने इस पूरे मामले में भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) की भूमिका को भी शर्मनाक बताया है।
पार्टी ने जारी एक बयान में कहा है कि "इस तरह के कट्टरवादी समूहों के खिलाफ ठोस सबूत मिलने के बाद भी भाजपा ने इसे 'प्रायोजित जांच' कह कर गंभीर मामले को खारिज किया है।''
मालेगांव बम धमाके में सेवारत व सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों की संलिप्तता उजागर होने पर माकपा ने सरकार से मामले को गंभीरता से लेने की अपील की है।
ज्ञात हो कि पुरोहित भारतीय सेना के पहले ऐसे अधिकारी हैं, जिन पर एक आतंकवादी हमले का षड़यंत्र रचने का आरोप लगा है। उन्हें एक दक्षिणपंथी हिंदू समूह 'अभिनव भारत' का संस्थापक सदस्य बताया गया है। उन्हें 15 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में रखा गया है।
पुलिस को संदेह है कि पुरोहित ने मामले में आरोपी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर, सेना के अवकाश प्राप्त मेजर रमेश उपाध्याय व उनके सहयोगी शरद कुलकर्णी को धमाके में इस्तेमाल किए गए विस्फोटक उपलब्ध कराने में मदद की थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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