छत्तीसगढ़ चुनाव : गठबंधन के बावजूद कांग्रेस के खिलाफ राकांपा ने उतारे प्रत्याशी
रायपुर, 6 नवंबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के साथ गठबंधन कर मैदान में उतरी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा)अपने प्रत्याशियों को काबू में रखने में नाकाम साबित हो रही है।
राकांपा के प्रत्याशियों ने दोनों पार्टियों के बीच बनी सहमति से अलग जाकर 10 से ज्यादा ऐसी सीटों से पर्चे भरे हैं।
राकांपा कहती रही है कि इन विधानसभा चुनावों में उसका मकसद सिर्फ भारतीय जनता पार्टी को सत्ता में आने से रोकना है। जबकि पार्टी के उम्मीदवारों ने 10 सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों के खिलाफ पर्चे भर दिए हैं। इससे कांग्रेस नेता हैरान हैं।
राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा में राकांपा का महज एक ही सदस्य है। कांग्रेस के साथ किए गए गठबंधन के तहत राकांपा को महज तीन सीटों पर ही उम्मीदवार खड़े करने थे और 87 सीटे उसने कांग्रेस के लिए छोड़नी थीं।
उधर कांग्रेस नेताओं का मानना है कि वे पहले ही राकांपा को उसकी योग्यता से दो ज्यादा सीटे दे चुकी है। जांजगीर जिले की चंद्रपुर सीट के अलावा कांग्रेस राकांपा को दो सुरक्षित सीटे मनेंद्रगढ़ और सामरी दी हैं।
कांग्रेस के एक अधिकारी ने गुरुवार को आईएएनएस को बताया कि पार्टी को यह समझ में नहीं आ रहा है कि राकांपा ने 10 सीटों पर उम्मीदवार क्यों खड़े किए हैं जबकि उसे तीन सीटे आधिकारिक तौर पर दी जा चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि बासना, खल्लारी, कुरूद, सिंहावा, दुर्ग ग्रामीण, राजिम, बिंद्रानवागढ़, चित्रकूट, बस्तर और सक्ति में कांग्रेस के प्रत्याशियों के खिलाफ मैदान में उतारे गए राकांपा प्रत्याशियों से कांग्रेस की सत्ता वापसी प्रभावित हो सकती है।
कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी ने कहा, "हम यह राकांपा के साथ यह मसला जल्द से जल्द सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।"
इस बीच राकांपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष एवं पार्टी के एकमात्र विधायक नोबल वर्मा ने कहा है, "हम ये चुनाव कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लड़ रहे हैं। जिन पार्टी नेताओं ने पर्चे भरे हैं और जो इस गठबंधन के खिलाफ जाने पर अड़े हुए हैं, उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा।"
छत्तीसगढ़ में दो चरणों में 14 और 20 नवंबर को चुनाव होंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।