वित्तीय संकट बस 15 महीनेः नटराजन
उन्होंने यह भी भरोसा जताया कि भारत में इस दौरान रोजगार के अतिरिक्त अवसर पैदा होंगे। नटराजन ने स्वीकार किया कि वैश्विक मंदी के चलते आईटी कंपनियों के लिए आने वाले छह महीने कठिनाई भरे होंगे। मगर इसके एक दूसरे पहलू की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि आईटी सॉल्यूशंस और वैश्विक कंपनियों के माध्यम से गंभीर कार्य किया जा रहा है और वैश्विक कंपनियां भारतीय सेवाएं छोड़ना नहीं चाहेंगी।
नटराजन का कहना हैः मंदी 12 से 15 महीने और चलेगी और इसके बावजूद हमारे पास अतिरिक्त नौकरियां होंगी। आर्थिक मंदी की वजह से इस वर्ष 270,000 नौकरियों के अनुमान के विपरीत महज 200,000 नौकरियां ही पैदा होंगी। भारत के लिए इस आर्थिक मंदी का असर यह होगा कि घरेलू कंपनियां भर्ती करते समय कुछ ज्यादा सचेत हो जाएंगी।
नटराजन ने कहाः आईटी उद्योग की वृद्धि पिछले वर्ष के 29 प्रतिशत की तुलना में घटकर 22 प्रतिशत रहेगी। सात प्रतिशत की इस कमी का अर्थ मांग में कटौती नहीं होगी, बल्कि इसका अर्थ यह होगा कि मांग तो है लेकिन व्यापार में वृद्धि नहीं हो रही है। भारत की आर्थिक वृद्धि घटकर सात प्रतिशत तक आ सकती है लेकिन इसके बावजूद अवसर यहां रहेंगे।