पंजाब विश्वविद्यालय में 'वाहन मुक्त' अभियान को ठेंगा दिखा रही है कारों की भीड़
चंडीगढ़, 5 नवंबर (आईएएनएस)। एक वर्ष पहले पंजाब विश्वविद्यालय में हर महीने के पहले सोमवार को 'वाहन मुक्त दिवस' मनाने की परंपरा शुरू की गई थी। लेकिन परिसर के भीतर और बाहर सड़क पर कारों की भीड़ इस अभियान को ठेंगा दिखा रही है।
चंडीगढ़, 5 नवंबर (आईएएनएस)। एक वर्ष पहले पंजाब विश्वविद्यालय में हर महीने के पहले सोमवार को 'वाहन मुक्त दिवस' मनाने की परंपरा शुरू की गई थी। लेकिन परिसर के भीतर और बाहर सड़क पर कारों की भीड़ इस अभियान को ठेंगा दिखा रही है।
पर्यावरण सहयोगी इस आंदोलन के अगुआ प्राध्यापक ने विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों व छात्रों को इस अभियान के प्रति जागरूक बनाने के लिए अब एक 'पर्यावरण पश्चाताप दिवस' आयोजित करने का निर्णय किया है।
विश्वविद्यालय में भूविज्ञान विभाग के अध्यक्ष अरुणदीप अहलूवालिया के अनुसार वह सोमवार को विश्वविद्यालय परिसर में स्थित गांधी भवन के बाहर अपना यह अनोखा कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
अहलूवालिया ने महीने में एक दिन भी वाहन न छोड़ पाने के लिए
प्राध्यापकों व छात्रों की आलोचना की है।
अहलूवालिया के अनुसार पिछले वर्ष जब जून महीने में 'वाहन मुक्त दिवस' की शुरुआत की गई थी तो विश्वविद्यालय के 15 प्राध्यापकों को मुफ्त साइकिलें बांटी गईं थीं। लेकिन विश्वविद्यालय आने के लिए सभी ने अपनी कारों का ही इस्तेमाल किया।
जानकारी के मुताबिक विश्वविद्यालय के भीतर प्रतिदिन लगभग
3,000 कारें प्रवेश करती हैं।
दरअसल, इस 'वाहन मुक्त दिवस' की शुरुआत ऑक्सफोर्ड व कैंब्रिज विश्वविद्यालयों की तर्ज पर गई थी।
परास्नातक की पढ़ाई कर रहे एक छात्र जसप्रीत के अनुसार लोगों को इस अभियान से जुड़े पर्यावरण के महत्व को समझना चाहिए। लोगों को परिसर में या परिसर के आसपास पैदल चलना चाहिए या फिर साइकिलों का इस्तेमाल करना चाहिए। कम-से-कम ठंड के मौसम में ऐसा आसानी से किया जा सकता है।
परिसर में स्थित जिस साइकिल स्टैंड में दो दशक पहले साइकिलें खचाखच भरी रहती थीं, वहां अब विभिन्न विभागों की कैंटीनें खुल गईं हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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