'सैड' के लिए जीन जिम्मेदार
वाशिंगटन, 4 नवंबर (आईएएनएस)। वैज्ञानिकों ने मौसम के कारण पैदा होने वाली बीमारी यानी 'सैड'(एसएडी) के लिए जीन में होने वाले उत्परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है।
यह बीमारी बसंत ऋतु से शुरू होकर जाड़े भर रोगी को एक विचित्र-सी उदासी में डाले रख सकती है। एक नए अध्ययन के मुताबिक यह बीमारी आंख में जीन के अंदर होने वाले उत्परिवर्तन से जुड़ी हो सकती है। यह बीमारी रोगी को प्रकाश के प्रति संवेदनहीन बना देती है।
यह बीमारी रोगी को दुखी, तुनकमिजाज व चिड़चिड़ा बना देती है। इस बीमारी के दौरान शरीर का वजन बढ़ जाता है, नींद ज्यादा आती है और दिन में आलस्य का अनुभव होता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ वर्जीनिया में जीवविज्ञान के प्राध्यापक इग्नेसिओ प्रोवेंसिओ के मुताबिक जाड़े के मौसम में इस रोग से ग्रस्त रोगी को सामान्य स्थिति में रखने के लिए तेज चमकीले प्रकाश की जरूरत हो सकती है।
प्रोवेंसिओ और उनके सहकर्मियों ने पाया है कि आंख में पाया जाने वाला प्रकाश संवेदी जीन मेलानोप्सिन 'सैड' का कारण बना सकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।