वैश्विक मंदी के लिए तेल की कीमतों में वृद्धि जिम्मेदार !
टोरंटो, 4 नवंबर (आईएएनएस)। वर्तमान वैश्विक मंदी के लिए अमेरिका में स्थाई संपत्ति की कीमतों में आई गिरावट नहीं, बल्कि वर्ष 2002 से लेकर आज तक तेल कीमतों में हुई 500 प्रतिशत की वृद्धि जिम्मेदार है। इस बात का खुलासा यहां एक बैंकिंग रिपोर्ट में किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कीमतों में वृद्धि के कारण बहुत बड़ी धनराशि तेल उत्पादक देशों को जा रही है।
टोरंटो, 4 नवंबर (आईएएनएस)। वर्तमान वैश्विक मंदी के लिए अमेरिका में स्थाई संपत्ति की कीमतों में आई गिरावट नहीं, बल्कि वर्ष 2002 से लेकर आज तक तेल कीमतों में हुई 500 प्रतिशत की वृद्धि जिम्मेदार है। इस बात का खुलासा यहां एक बैंकिंग रिपोर्ट में किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कीमतों में वृद्धि के कारण बहुत बड़ी धनराशि तेल उत्पादक देशों को जा रही है।
कनाडियन इंपीरियल बैंक ऑफ कामर्स (सीआईबीसी) की तरफ से जारी रिपोर्ट 'क्लेवलैंड कितना बड़ा है?' में सोमवार को चेताया गया है कि क्लेवलैंड जैसे अमेरिकी शहरों में स्थाई संपत्ति की कीमतों में गिरावट अमेरिका से पहले जापान व यूरोप में आर्थिक मंदी पैदा कर सकती थी।
बैंक की पूर्ण सेवा निवेश शाखा सीआईबीसी वर्ल्ड मार्केट्स में मुख्य अर्थशास्त्री जेफ रुबिन की तरफ से इस रिपोर्ट में लिखा गया है कि पिछली पांच वैश्विक आर्थिक मंदियों से चार मंदी तेल की कीमतों में भारी वृद्धि की वजह से आई।
दरअसल, अमेरिकी उपभोक्ताओं से जो आमदनी सउदी तेल उत्पादकों के पास जाती है, वह एक तरह से शून्य बचत दर वाली अर्थव्यवस्था से लगभग 50 प्रतिशत बचत दर वाली अर्थव्यवस्था को स्थानांतरित होती है।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले पांच वर्षो के दौरान आर्थिक सहयोग व विकास संगठन (ओईसीडी) से जुड़े देशों का ईंधन पर होने वाला कुल खर्च प्रति वर्ष के हिसाब 700 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। इसमें से 400 अरब डॉलर तेल उत्पादक देशों को जा रहा है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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