ओबामा के प्रति सहानुभूति रखते हैं वाम दल
नई दिल्ली, 4 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिकी राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार बराक ओबामा के प्रति भारतीय वामपंथी दलों की गहरी सहानुभूति है लेकिन ये वामपंथी दल इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं है कि ओबामा के राष्ट्रपति बन जाने से अमेरिका अपनी साम्राज्यवादी नीति में कोई बदलाव करेगा।
लोकसभा में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के उपनेता सी. के. चंद्रप्पन ने आईएएनएस को बताया, "अफ्रीकी-अमेरिकी मूल किसी व्यक्ति का अमेरिका का राष्ट्रपति बनना कोई छोटी मोटी बात नहीं है। यह बहुत बड़ी बात है। पहली बार कोई अश्वेत अमेरिका का राष्ट्रपति बनने जा रहा है।"
उन्होंने कहा, "अमेरिका जैसे श्वेत प्रधान लोगों के देश में एक अश्वेत का राष्ट्रपति बनने की दिशा में आगे बढ़ना इस बात की ओर इंगित करता है कि वहां के लोगों का मन अब परिवर्तित हो रहा है।"
चंद्रपन्न ने कहा कि ओबामा ने अपने आकर्षक व्यक्तित्व के कारण अमेरिकी लोगों के दिलों में विशेष स्थान बनाया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ओबामा के राष्ट्रपति बन जाने का मतलब यह नहीं है कि अमेरिका अपनी नीतियों में बदलाव लाएगा।
उन्होंने कहा कि हम यह उम्मीद नहीं कर सकते कि अमेरिका अपनी साम्राज्यवादी नीतियों में कोई बदलाव करेगा, चाहे ओबामा राष्ट्रपति बनें या जान मैक्कन।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर माकपा पोलित ब्यूरो के सदस्य सीताराम येचूरी कहते हैं, "हमारा आकलन है कि नीतियों के आधार पर अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव हो न कि व्यक्ति विशेष के आधार पर।"
उन्होंने कहा, "भारत अमेरिका असैन्य परमाणु समझौता और अमेरिका की विदेश नीति के बारे में हमें ओबामा के आधिकारिक बयान का इंतजार है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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