अमेरिकी चुनाव:अब गेंद मतदाताओं के पाले में
वाशिंगटन, 3 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पिछले 20 महीने से चल रही चुनावी रैलियों, बहसों व अनगिनत विज्ञापनों का सिलसिला थम गया है। चुनावी गेंद अब मतदाताओं के पाले में आ गई है। ह्वाइट हाउस पर डेमोक्रेट ओबामा का कब्जा होगा या रिपब्लिकन मैक्के न का, यह फैसला मंगलवार को मतदाताओं को करना है।
वाशिंगटन, 3 नवंबर (आईएएनएस)। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए पिछले 20 महीने से चल रही चुनावी रैलियों, बहसों व अनगिनत विज्ञापनों का सिलसिला थम गया है। चुनावी गेंद अब मतदाताओं के पाले में आ गई है। ह्वाइट हाउस पर डेमोक्रेट ओबामा का कब्जा होगा या रिपब्लिकन मैक्के न का, यह फैसला मंगलवार को मतदाताओं को करना है।
समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक देशभर में सरकारी अधिकारी संभावित भारी मतदान व मतदान केंद्रों पर लगने वाली लंबी कतारों को संभालने के लिए मुस्तैद हैं।
बहरहाल, अब यह तो तय है कि जनवरी तक ओबामा या मैक्कने में से कोई न कोई राष्ट्रपति बन जाएगा, लेकिन अर्थिक मंदी और वैश्विक वित्तीय संकट नए राष्ट्रपति के लिए एक बड़ी चुनौती होगी।
भावी राष्ट्रपति से दुनिया को यह उम्मीद होगी कि आठ सालों के जार्ज डब्ल्यू. बुश शासन के दौरान मिट्टी में मिली अमेरिका की साख को फिर से हासिल कर लिया जाएगा।
कुछ राज्यों में 80 से 90 प्रतिशत मतदान की संभावना जताई गई है। वर्ष 2004 के राष्ट्रपति चुनाव में लगभग 60 प्रतिशत मत पड़े थे, जो कि वर्ष 1968 से लेकर अब तक का सर्वोच्च रिकार्ड रहा है।
पेव चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा संचालित एक वेबसाइट से जुड़े डौग चैपिन के अनुसार इस साल के चुनाव में 100 प्रतिशत के करीब मतदान का उन्हें भरोसा है।
अब तक फ्लोरिडा, नार्थ कैरोलिना, कोलोराडो व नेवादा सहित 31 राज्यों में मान्य किए गए पूर्व मतदान या अनुपस्थित मतदाताओं के मतदान की सुविधा के तहत लाखों मतदाताओं ने हाल के सप्ताहों में पहले ही अपने मत डाल चुके हैं।
मंगलवार को होने वाले मुख्य मतदान के पहले पूर्व मतदान के तहत 40 प्रतिशत मतदान की संभावना जताई गई है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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