असम:आंतंकवादी हमले के बाद लुटेरों व जेबकतरों का हमला
गुवाहाटी, 3 नवंबर (आईएएनएस)। पिछले सप्ताह असम में हुए बम विस्फोटों के बाद जहां एक ओर लोग घायलों को उठाकर अस्पतालों की ओर भाग रहे थे, वहीं लुटेरे व जेबकतरे मृतकों की जेबें काट रहे थे, उनके मोबाइल फोन व अन्य सामान लूटने में मशगूल थे।
गुवाहाटी, 3 नवंबर (आईएएनएस)। पिछले सप्ताह असम में हुए बम विस्फोटों के बाद जहां एक ओर लोग घायलों को उठाकर अस्पतालों की ओर भाग रहे थे, वहीं लुटेरे व जेबकतरे मृतकों की जेबें काट रहे थे, उनके मोबाइल फोन व अन्य सामान लूटने में मशगूल थे।
गुवाहाटी की रहने वाली एक अधेड़ उम्र की महिला नितुल भराली ने आईएएनएस को बताया कि वह पहली ऐसी शख्स थीं, जिसने आग में कूद कर 10 लोगों की जानें बचाई। कुछ को अपनी बाहों में उठा कर उन्होंने सड़क के दूसरे किनारे पर स्थित अस्पताल पहुंचाया।
दिगंत तांती नामक एक नवयुवक 6 घायलों को अस्पताल पहुंचाते-पहुंचाते खुद खून से लथपथ हो गया था।
गुवाहाटी के एक अन्य निवासी परेश सैकिया के अनुसार अस्पताल ले जाते समय एक घायल ने उनकी बांहों में ही दम तोड़ दिया था।
लेकिन मुश्किल में मदद करने वालों की इस जमात के अलावा वहां कुछ ऐसे लोग भी थे, जिनके लिए यह हादसा अवसर बन गया था। ये लोग मृतकों व घायलों की जेबें काटने में मशगूल थे।
तांती के अनुसार उसने कई ऐसे लागों को देखा जो वहां लूट-पाट में मशगूल थे। लेकिन प्राथमिकता चूंकि घायलों को बचाने की थी, लिहाजा वह किसी को पकड़ न सका।
दूसरी ओर भराली ने बताया कि जब घायलों को अस्पताल ले जाया जा रहा था, तभी लुटेरों के एक समूह ने वहां पत्थर फेंकने शुरू कर दिए, उन्होंने एंबुलेंस में आग लगाने की कोशिशें कीं। जैसे उनके लिए यह कोई मौजमस्ती का अवसर था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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