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कुरुक्षेत्र में स्वच्छता के लिए अनोखी जंग (चित्र सहित)

By Staff
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कुरुक्षेत्र (हरियाणा), 2 नवंबर (आईएएनएस)। महाभारत के युद्ध के लिए याद किए जाने वाले कुरुक्षेत्र में इन दिनों समाज की एक बुराई के खिलाफ अनोखी जंग लड़ी जा रही है। दरअसल कुरुक्षेत्र जिले के कुल 417 गांवों में से 400 में स्वच्छता को लेकर एक अनोखा अभियान चलाया जा रहा है।

कुरुक्षेत्र (हरियाणा), 2 नवंबर (आईएएनएस)। महाभारत के युद्ध के लिए याद किए जाने वाले कुरुक्षेत्र में इन दिनों समाज की एक बुराई के खिलाफ अनोखी जंग लड़ी जा रही है। दरअसल कुरुक्षेत्र जिले के कुल 417 गांवों में से 400 में स्वच्छता को लेकर एक अनोखा अभियान चलाया जा रहा है।

स्वच्छता के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए यहां के ग्रामीण अपने स्तर पर जागरुकता फैलाने में जुटे हुए हैं। खुले में शौच जाने वालों को यहां दंडित भी किया जाता है।

कुरक्षेत्र के विभिन्न गांवों में सुबह में जाने पर अभिवादन स्वरूप 'स्वच्छ गांव, स्वस्थ गांव' सुनने को मिलता है। गांवों में महिलाओं ने कई समितियां गठित की है जो लोगों को खुले में शौच पर जाने से रोकती है।

जिला प्रशासन भी इस संबंध में सराहनीय प्रयास कर रहा है। विभिन्न गांवों में कुल 32,000 शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है।

कुरुक्षेत्र की अतिरिक्त उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने आईएएनएस को बताया कि गांव के हर घर में शौचालय बनाए जा रहे हैं, ताकि किसी भी व्यक्ति को खुले में शौच के लिए नहीं जाना पड़े।

राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक-1 के समीप स्थित खानपुर कोलियां गांव पहुंचने पर स्वच्छता को लेकर किए जा रहे बदलावों को नजदीक से देखा जा सकता है। इस गांव में हर घर में एक शौचालय है।

गांव में महिलाएं 'स्वच्छ गांव, स्वस्थ गांव' का नारा लगाती रहती हैं। स्वच्छता को लेकर महिलाओं की लगातार बैठकें होती रहती हैं।

महिला सरपंच जसविंदर कौर ने आईएएनएस को बताया, "जो भी व्यक्ति खुले में शौच करने के लिए जाता है, हम उसे पकड़ लेते हैं। हम उसे कोई शारीरिक दंड नहीं देते हैं, लेकिन उसे शर्मिदगी जरूर उठानी पड़ती है।"

कौर ने बताया कि प्रारंभ में घोषणा की गई थी कि जो भी व्यक्ति किसी को खुले में शौच करते पकड़ लेगा उसे 500 रुपये इनाम स्वरूप दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि अब ऐसी घटना नहीं के बराबर होती है।

विभिन्न गांवों में स्वच्छता को लेकर प्रत्येक ग्रामीण अपने स्तर पर काम कर रहा है। यहां तक की स्कूली बच्चे भी इसमें पीछे नहीं हैं। एक बच्चे ने कहा, "मैं गांव का स्वच्छता सैनिक हूं।"

विभिन्न विद्यालयों में भी बच्चों को स्वच्छता के प्रति जागरूकता का पाठ पढ़ाया जाता है। एक बच्चे ने बताया, "हमें विद्यालय में समझाया जाता है कि शौचालय में ही शौच करना चाहिए।"

कुरुक्षेत्र के अतिरिक्त उपायुक्त कटारिया ने बताया कि जिले के प्रत्येक प्रखंड में बच्चों में स्वच्छता को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है साथ ही रैलियां भी आयोजित की जा रही हैं।

रैलियों में महिलाएं नारा लगाती हैं कि वे उसी घर में अपनी बेटी की शादी करेंगी जहां शौचालय होगा। एक महिला समिति की सदस्य सतवंत कौर ने बताया कि यह नारा काफी लोकप्रिय हो रहा है और इसका असर भी देखने को मिल रहा है।

स्वच्छता अभियान को जिले के गांवों में हर घर तक पहुंचाने में महिलाओं का विशेष योगदान है। विभिन्न महिला समितियां इस ओर कदम उठा रही हैं।

कटारिया ने बताया कि महिलाएं मल से खाद भी बना रही हैं। उन्होंने बताया कि जिले के 20 गांवों में इसके लिए कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिसके तहत महिलाओं को वित्तीय सहायता भी दी जाती है।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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