अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भीड़ के मद्देनजर हज टर्मिनल के उपयोग पर विचार
नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय उड्डयन प्रशासन और निजी डेवलपर्स वर्ष में 10 महीने खाली पड़े रहने वाले हज टर्मिनल के बेहतर उपयोग की योजना बना रहे हैं।
नई दिल्ली, 2 नवंबर (आईएएनएस)। भारतीय उड्डयन प्रशासन और निजी डेवलपर्स वर्ष में 10 महीने खाली पड़े रहने वाले हज टर्मिनल के बेहतर उपयोग की योजना बना रहे हैं।
नागरिक उड्डयन निदेशालय के महानिदेशक (डीजीसीए) ने कहा कि निजी डेवलपर्स को ही यह निर्णय लेना है कि ऑफ सीजन के समय हज टर्मिनल का बेहतर उपयोग कैसे किया जाए, जबकि दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड (डीआईएएल) ने कहा कि इस मुद्दे पर अभी विचार किया जा रहा है।
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (आईजीआईए) पर हज टर्मिनल 1999 में अस्तित्व में आया था। हज यात्री मक्का और मदीना की यात्रा के लिए इसका उपयोग करते हैं। यहां 30 अक्टूबर से लेकर दिसंबर महीने तक कार्य संचालन होता है। साल के बाकी 10 महीने यह टर्मिनल खाली पड़ा रहता है।
अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल पर यात्रियों के बढ़ते दबाव को कम करने के लिए इन 10 महीनों के लिए हज टर्मिनल के उपयोग पर विचार किया जा रहा है।
आईजीआईए के अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल की क्षमता हर वर्ष 1.2 करोड़ यात्रियों का बोझ संभालने की है। इस पर अपनी क्षमता से करीब दोगुना भार है। करीब 3.4 करोड़ यात्री क्षमता वाला नया टर्मिनल 2010 में ही बनकर तैयार हो पाएगा।
उल्लेखनीय है कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय के संयुक्त सचिव के.एन. श्रीवास्तव ने इस वर्ष मार्च में डीआईएएल से तीर्थयात्रियों द्वारा प्रयोग नहीं किए जाने वाले समय में हज टर्मिनल के बेहतर उपयोग के बारे में एक विस्तृत योजना पेश करने को कहा था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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