गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नाग नथैया लीला!
वाराणसी, 1 नवंबर (आईएएनएस)। गंगा को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए वाराणसी में अब श्री कृष्ण हर साल रचाते हैं एक लीला। नाग नथैया लीला के नाम से प्रसिद्ध यह लीला इस बार रविवार को होगी।
वाराणसी के तुलसी घाट पर महाकवि तुलसीदास ने नाग नथैया की लीला की शुरुआत की थी। इस लीला को शुरू करने के पीछे उद्देश्य था लोगों को गंगा में बढ़ रहे प्रदूषण के प्रति सतर्क करना। दरअसल श्री कृष्ण ने यमुना नदी में उतरकर कालिया नाग को मार दिया था। इस नाग के मर जाने के बाद यमुना नदी का विषैलापन दूर हो गया। इसी अवधारणा को लेकर ही वाराणसी में भी नागनथैया की लीला शुरू की गई।
वाराणसी में गंगा नदी में कई नाले गिरते हैं जिसके चलते गंगा का पानी प्रदूषित हो रहा है। नाग नथैया लीला के जरिए यह दिखाने की कोशिश की जाती है कि जिस प्रकार यमुना नदी के कालिया नाग को श्री कृष्ण ने मारा था उसी प्रकार वाराणसी में गंगा में गिरने वाले इस नाले रूपी नाग को भी रोक कर गंगा को प्रदूषित होने से बचाया जाए।
नाग नथैया आयोजन समिति के सदस्य राज किशोर गुप्ता के अनुसार इस लीला के माध्यम से आज भी लोगों को गंगा के निर्मलीकरण के लिए प्रेरित किया जाता है। गुप्ता कहते हैं कि जिस प्रकार श्री कृष्ण ने यमुना को कालिया नाग के अभिशाप से मुक्त कराया था उसी तरह से आज गंगा को इन नालों के अभिशाप से मुक्ति दिलाने की जरूरत है। गंगा किनारे होने वाली इस लीला को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग आते हैं। काशी का राजपरिवार भी इस लीला को देखने के लिए आता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।