असम धमाके: मृतकों की संख्या 71 हुई
असम के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मामले की जांच तेजी से चल रही है। केंद्रीय केंद्रीय गृह मंत्री शिवराज पाटिल स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को गुवाहाटी आ रहे हैं।
सिलसिलेवार बम धमाकों में करीब 300 घायल हो गए। कई घायलों की स्थिति गंभीर बनी हुई है। घायलों के बारे में असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिश्व शर्मा ने बताया कि घायलों का राज्य के विभिन्न अस्पतालों में इलाज चल रहा है। उन्होंने कहा कि आवश्यकता होने पर घायलों को दिल्ली या अन्य जगहों में भी ले जाया जा सकता है।
गुरुवार को गुवाहाटी समेत कोकराझार और बोंगाईगांव जिले में गुरुवार को एक घंटे के भीतर 12 बम विस्फोट हुए। गुवाहाटी में छह, बारपेटा, कोकराझार और बोंगाईगांव में छह धमाके हुए। खास बात यह है कि धमाकों को 24 घंटे बीत जाने के बाद भी अभी तक किसी आतंकवादी संगठन ने इन धमाकों की जिम्मेदारी नहीं ली है।
राज्य में सक्रिय अलगाववादी संगठन, युनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ़ असम (अल्फ़ा) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि उनका इन धमाकों से कोई ताल्लुक नहीं है।
हालांकि राज्य पुलिस और खुफिया विभाग के शक की सुई अभी भी अल्फ़ा की ओर घूम रही है। पुलिस का कहना है कि राज्य में अल्फ़ा के अलावा और कोई गुट नहीं है जो इतने सुनियोजित ढंग से धमाके कर सके।
कर्फ्यू में ढील
धमाकों के बाद राहत कार्य में देरी के कारण लोगों ने सरकारी वाहनों पर तोड़फोड़ शुरू कर दी थी। उग्र भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी थीं। यही नहीं कई जगह पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और फायरिंग भी करनी पड़ी।
धमाकों के बाद भड़की हिंसा को देखते हुए प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। शुक्रवार सुबह फिलहाल कर्फ्यू में ढील दी गई है। धमाकों के एक दिन बाद असम में आम लोगों के बीच काफ़ी रोष व्याप्त है। लोग डरे और सहमे हुए हैं। मृतकों और घायलों के घरों में विलाप है।
हालांकि कर्फ़्यू हटा लिया गया है पर लोग अभी भी कम ही बाहर निकल रहे हैं। इन धमाकों ने राज्य को हिलाकर रख दिया है।