उड़ान निरस्त करने की आरोपी विमान कंपनी चुकाएगी 4 लाख का मुआवजा
कानू शारदा
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नई दिल्ली, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। एक उपभोक्ता अदालत ने वर्ष 2007 के जनवरी महीने में पूना से दिल्ली की एक उड़ान को अंतिम समय में निरस्त करने के एक मामले में विमान कंपनी एयर डेक्कन को एक परिवार के चार सदस्यों के लिए चार लाख रुपये का मुआवजा चुकाने का आदेश दिया है।
न्यायमूर्ति जे.डी. कपूर की अध्यक्षता वाले दिल्ली राज्य उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग ने उड़ान निरस्त करने की पूर्व सूचना न देने व यात्रियों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था न करने के लिए विमान कंपनी एयर डेक्कन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड को दोषी ठहराया।
ज्ञात हो कि राजधानी में लोधी कॉलोनी निवासी शिकायतकर्ता अनिल भंडूला ने वर्ष 2007 में जनवरी महीने की 2 तारीख के लिए पूना से दिल्ली के लिए चार टिकटें खरीदी थीं। उड़ान का समय अपराह्न् 2.30 बजे का था। विमान कंपनी की तरफ से उनके मोबाइल फोन पर उड़ान निरस्त होने की सूचना उस वक्त मिली, जब वह पत्नी व बच्चों सहित हवाई अड्डे के लिए निकल चुके थे।
हवाई अड्डे पर असहाय भंडूला ने कोई दूसरी उड़ान पकड़ने की कोशिश की, लेकिन कहीं भी जगह उपलब्ध न थी। कोई विकल्प न देख अंत में उन्होंने टैक्सी से मुंबई जाकर दिल्ली के लिए कोई उड़ान पकड़ने की योजना बनाई। इस योजना में टैक्सी के अतिरिक्त खर्चे के अलावा उन्हें दो दिनों तक मुंबई में रुकने का खर्च भी वहन करना पड़ा। किसी तरह 4 जनवरी को उन्हें स्पाइसजेट की एक उड़ान मिल पाई।
इस बारे में एयर डेक्कन के अधिकारियों का तर्क था कि खराब मौसम के कारण उन्हें उड़ान निरस्त करनी पड़ी थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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