नवीनीकरण के बाद चंडीगढ़ के टैगोर रंगमंच से परदा उठा
चंडीगढ़, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। नवीनीकरण के बाद चंडीगढ़ का जाना-माना टैगोर रंगमंच पहले से कहीं ज्यादा सुविधासंपन्न हो गया है।
साठ के दशक में बने इस रंगमंच की आंतरिक व बाह्य साज-सज्जा में काफी बदलाव किए गए हैं। हालांकि उसकी मूल बनावट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। मुख्य सभागार के प्रवेश द्वार, छत और दीवारों पर कांच का उपयोग ज्यादा किया गया है।
सलाहकार वास्तुविद नमिता सतनाम सिंह ने आईएएनएस से कहा, "रंगमंच की आंतरिक बनावट को पूरी तरह से बदल दिया गया है। इसके तहखाने, सभागार, लॉबी, बैकस्टेज और दर्शकों के बैठने के लिए बनाई गई सीटें विशेष रूप से सुविधासंपन्न बनाई गई हैं। इसमें 300 अतिरिक्त सीटों सहित कुल 900 आरामदायक कुर्सियां लगाई गई हैं।"
जानी-मानी रंगमंच निर्देशक नीलम मानसिंह ने आईएएनएस से कहा, "इस रंगमंच ने शहर के कला एवं संस्कृति क्षेत्र को अचानक काफी प्रभावशाली बना दिया है।"
उल्लेखनीय है कि पिछले एक साल से नवीनीकरण के लिए इस रंगमंच को बंद रखा गया था।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।