केरल में जड़ जमाते आतंकवाद राज्य का मुस्लिम नेतृत्व चिंतित
कोझीकोड, 30 अक्टूबर (आईएएनएस)। हाल में जम्मू व कश्मीर में सुरक्षा बलों के हाथों केरल के चार युवकों के मारे जाने की घटना ने राज्य के मुस्लिम नेताओं को चिंता में डाल दिया है। चिंता यह है कि आखिर उनके राज्य में आतंकवाद कैसे और क्यों पैर जमा रहा है।
समुदाय के कुछ युवकों के जम्मू व कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने की घटना के प्रकाश में आने के बाद चकित मुस्लिम नेताओं ने इसके लिए सीधे राजनीतिक नेताओं को जिम्मेदार ठहराया है।
केरल पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि 7 व 10 अक्टूबर को जिन चार युवकों को कुपवाड़ा जिले में दो मुठभेड़ों के दौरान मारा गया था, वे राज्य के दक्षिणी हिस्से के निवासी थे।
राज्य के प्रमुख सुन्नी समूह समस्त केरल जमीयत-उल-उलेमा से संबंधित संगठन सुन्नी युवजन संघम(एसवाईएस) के कार्यकारी सचिव पिनानगोडे अबूबकर के अनुसार मुस्लिम समुदाय इन घटनाओं से आहत है।
अबूबकर के अनुसार राज्य के मुसलमानों के बीच आई दरार के बाद ही आतंकवाद यहां जन्म ले पाया। बाद में कुछ खास संगठनों ने लोगों को आतंकवाद की ओर आकर्षित करने में कामयाबी हासिल कर ली।
अबूबकर ने समाज में दरार डालने के लिए राजनीतिक पार्टियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि मीडिया व सरकारें जनता के भीतर, खासकर युवाओं में राष्ट्रीय एकता की भावना जगाने में नाकाम रही हैं। परिणामस्वरूप राष्ट्रविरोधी तत्वों को पनपने का मौका मिल गया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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