'गंगा मुक्ति' के लिए आमरण अनशन पर बैठे बाबा नागनाथ की हालत गंभीर
मणिकर्णिका घाट पर जीवन गुजारने वाले बाबा का शरीर अनशन के दौरान कंकाल के समान हो गया है इसके बावजूद प्रशासन का कोई व्यक्ति उनका हालचाल लेने नहीं पंहुचा।
बाबा का शरीर भले ही कृशकाय हो गया हो लेकिन उनके इरादे चट्टान से मजबूत हैं। उनका कहना है कि मां गंगा की मुक्ति के लिए यदि उन्हें कुर्बान भी होना पड़े तो वे अपने आप को भाग्यशाली समझेंगे।
अपनी मांगो को दुहराते हुए बाबा ने कहा कि जब तक टिहरी बांध से गंगा को मुक्त कर उसे राष्ट्रीय नदी नहीं घोषित किया जाता और गंगा को प्रदूषित करना सं™ोय अपराध नहीं घोषित किया जाता तब तक उनका आमरण अनशन जारी रहेगा। बाबा ने कहा कि टिहरी बांध में कुल सात गेट हैं, यदि सरकार सारे गेट खोलने में असमर्थ है तो तीन या चार गेट ही खोल दे। बाबा ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि केन्द्र सरकार इतना भी नही करेगी तो मजबूरन पूरा बांध तोड़ने के लिए दबाव बनाना पड़ेगा।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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