10 दिनों में 25 फीसदी कर्मचारियों की हो सकती है छंटनी : एसोचैम (लीड-1)
नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। वैश्विक वित्तीय संकट की मार देश के कारपोरेट क्षेत्र पर पड़ने वाली है। अग्रणी औद्योगिक संगठन एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसोचैम) के मुताबिक बोनस और प्रोत्साहन खत्म करने के बाद कंपनियां 25 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी करने वाली है।
दीपावली के एक दिन बाद बुधवार को जारी रिपोर्ट में एसोचैम ने कहा है, "अगले 10 दिनों के भीतर स्टील, सीमेंट, आईटी व उससे जुड़े बीपीओ, वित्त, विनिर्माण, रियल एस्टेट और उड्डयन जैसे सात क्षेत्रों में करीब 25 प्रतिशत कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी।"
'दीपावली के बाद रोजगार की स्थिति' नामक रिपोर्ट में एसोचैम के अध्यक्ष सज्जन जिंदल ने कहा, "इन सभी क्षेत्रों ने अगले दस दिनों के भीतर अपने 25 से 30 फीसदी कर्मचारियों को छंटनी करने की योजना बनाई है।"
जिंदल ने कहा कि कई कंपनियों ने दीपावली से पहले ही कर्मचारियों को हटाने की योजना बना ली थी लेकिन मानवीय आधार पर पर्व को देखते हुए योजना को मूर्त रूप नहीं दिया गया।
उन्होंने कहा कि किसी भी प्रबंधन के लिए कर्मचारियों की छंटनी करना बहुत ही कठिन निर्णय होता है लेकिन उनके पास कोई विकल्प नहीं होता।
जिंदल ने कहा, "खर्च में कटौती करने के लिए बोनस और प्रोत्साहन राशि में कटौती के साथ-साथ उपहारों में भी कटौती की गई है।"
जिंदल के मुताबिक तीसरा विकल्प प्रबंधन स्तर के लोगों की सुविधाओं में कटौती करना है। यहां तक कि कई मुख्य कार्यकारी अधिकारी अपने पैकेज में कटौती पर भी सहमत हो गए हैं।
एसोचैम ने कहा है कि इस बीच प्लेसमेंट एजेंसियों ने पहले ही अपनी योजना स्थगित कर दी है और बड़ी कंपनियों ने नए कर्मचारियों की भर्ती पर रोक लगा दी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन क्षेत्रों की नकारात्मक स्थिति को एक अवसर के रूप में बदला जा सकता है बशर्ते भारतीय रिजर्व बैंक अपनी कठोर मौद्रिक नीतियों में ढिलाई और मुख्य ब्याज दरों में कटौती जैसे कदम उठाए।
एसोचैम के मुताबिक महंगाई कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। ज्यादा जरूरी है रोजगार का सृजन और यह तभी हो सकेगा जब विर्निमाण क्षेत्र को बढ़ाया जाए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।