परमाणु मुद्दे पर संसद की उपेक्षा नहीः मुखर्जी
मुखर्जी ने कहा कि संसद की उपेक्षा की वाममोर्चा के आरोप में कोई दम नहीं है और बिल्कुल बेबुनियाद है। उन्होंने कहा "मैंने अपने पूरे राजनीतिक कैरियर में कभी भी नहीं देखा कि किसी भी मुद्दे पर इतने दौर की बहस हुई जितना कि इस बार इस मुद्दे पर हुई"।
गैट पर भी संसद में तीन दौर की बहस हुई थी। उन्होंने इस आरोप का भी खंडन किया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपने किसी अधिकार का उल्लंघन किया है। उन्होनें कहा कि यहां तक लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को इन आरोपों में कोई दम नजर नहीं आया।
उन्होंने कहा "वामदलों ने करार पर बहस की मांग की और हमने बहस कराई और विश्वास प्रस्ताव भी जीता। हमने यह भी कह दिया था यदि सरकार अल्पमत में आ जाती है तो हम चुनाव के लिए जायेंगे न कि अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी में।
दरअसल
वामदल
के
दिमाग
में
अमरीका
का
भूत
सवार
हो
गया
है।
उन्होंने
एक
बार
फिर
कहा
कि
करार
से
देश
की
संप्रभुता
पर
कोई
खतरा
उत्पन्न
नहीं
होगी
बल्कि
देश
की
ऊर्जा
जरुरतें
पूरी
होंगी
और
परमाणु
कार्यक्रम
के
मामले
में
भारत
एक
बार
फिर
स्वर्णिम
अतीत
हासिल
करेगा।