विदेशी विश्वविद्यालयों के प्रवेश के सुझाव पर मिलीजुली प्रतिक्रिया
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के इस सुझाव पर कि विदेशी विश्वविद्यालयों को देश में प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए, शिक्षा जगत के लोगों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी के इस सुझाव पर कि विदेशी विश्वविद्यालयों को देश में प्रवेश की अनुमति दी जानी चाहिए, शिक्षा जगत के लोगों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
एक ओर जहां कुछ लोगों ने कहा कि इससे शिक्षा के क्षेत्र में कुछ लोगों का एकाधिकार खत्म होगा, वहीं अनेक का मानना है कि इससे एक खास किस्म की विशिष्टता पैदा होगी।
राहुल ने गत 21 अक्टूबर को उत्तराखंड में कहा था, "विदेशी विश्वविद्यालयों को यहां प्रवेश देना चाहिए। उन्हें इससे वंचित रखने का कोई कारण नहीं है। मैं इस बात को आगे ले जाऊंगा।"
केंद्र में सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की मुख्य पार्टी कांग्रेस का कहना है कि इस मामले में सबसे बड़ा रोड़ा विपक्षी वाम दलों का असहमति है।
दिल्ली विश्वविद्यालय में संविदा शिक्षक के रूप में कार्यरत अभिषेक ने आईएएनएस से कहा कि अगर विदेशी विश्वविद्यालयों को अनुमति दी जाती है तो इससे शैक्षणिक एकाधिकार खत्म हो जाएगा।
कांग्रेस के मीडिया समन्वयक टॉम वडक्कन ने आईएएनएस से कहा, "इस मामले पर संसद में चर्चा हो चुकी है लेकिन वाम दलों ने शिक्षा के निजीकरण पर अपना घोर विरोध जताया।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।