चिंतित हैं कंधमाल के विद्यार्थी व अभिभावक
कंधमाल (उड़ीसा), 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कंधमाल जिले के विद्यार्थी व अभिभावक इन दिनों खासे चिंतित हैं। दरअसल, बोर्ड की परीक्षाएं महज चार महीने दूर रह गई हैं, मगर स्कूल अभी भी राहत शिविरों में तब्दील हैं।
कंधमाल (उड़ीसा), 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। कंधमाल जिले के विद्यार्थी व अभिभावक इन दिनों खासे चिंतित हैं। दरअसल, बोर्ड की परीक्षाएं महज चार महीने दूर रह गई हैं, मगर स्कूल अभी भी राहत शिविरों में तब्दील हैं।
जिला कलेक्टर कृष्ण कुमार के मुताबिक शिविरों के कारण 40 स्कूल बंद हैं।
इन स्कूलों में ईसाई विरोधी हिंसा के विस्थापितों व केंद्रीय आरक्षी सुरक्षा बल (सीआरपीएफ)के जवानों के लिए शिविर लगाए गए हैं।
कंधमाल के सारंगदा हाईस्कूल के प्रधानाध्यापक भगबान दास के अनुसार उनके स्कूल में लगभग 300 विद्यार्थी हैं। लेकिन स्कूल पिछले दो महीने से सीआरपीएफ के जवानों के कब्जे में है। लिहाजा पढ़ाई-लिखाई का काम पूरी तरह ठप है।
उड़ीसा बोर्ड के नियमानुसार 10वीं की बोर्ड परीक्षा में सम्मिलित होने के पहले विद्यार्थियों को दो टेस्ट परीक्षाएं देनी पड़ती हैं। ये दोनों परीक्षाएं स्कूलों की तरफ से आयोजित की जाती हैं। जो विद्यार्थी इन दोनों परीक्षाओं में फेल हो जाते हैं, वे बोर्ड की परीक्षा में नहीं सम्मिलित हो पाते। बोर्ड की परीक्षा मार्च 2009 में होनी है।
एक अन्य प्रधानाध्यापक सरत चंद्र कोथाडलाई के अनुसार उन्हें ये दोनों घरेलू परीक्षाएं लेनी अभी बाकी हैं।
सारंगदा ग्राम पंचायत के सरपंच दीनबंधु प्रधान के मुताबिक पंचायत ने स्कूल निरीक्षक से नजदीक के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में कक्षाएं चलाने की इजाजत मांगी थी, लेकिन अनुमति नहीं मिल पाई।
प्रधान के मुताबिक अब इसके लिए जिला कलेक्टर के यहां आवेदन किया जा रहा है। क्योंकि अगर कक्षाएं शुरू नहीं की गई तो विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक जाएगा।
एक आंकड़े के मुताबिक ईसाई विरोधी हिंसा के कारण जिले के लगभग 2000 विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटका हुआ है।
उधर जिला प्रशासन के अनुसार स्कूलों में लगे राहत व सीआरपीएफ शिविर कम-से-कम दिसंबर तक बरकरार रहने वाले हैं। परिस्थिति के अनुसार ये शिविर आगे भी जारी रह सकते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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