न्यूजीलैंड की राजनीति में एशियाइयों की भूमिका बढ़ी
वेलिंगटन, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। न्यूजीलैंड के अगले माह होने वाले आम चुनाव के बाद संसद में एशियाई समुदाय के सदस्यों की उपस्थिति बढ़ सकती है।
वेलिंगटन, 27 अक्टूबर (आईएएनएस)। न्यूजीलैंड के अगले माह होने वाले आम चुनाव के बाद संसद में एशियाई समुदाय के सदस्यों की उपस्थिति बढ़ सकती है।
लगातार चौथी बार सत्ता हासिल करने के लिए प्रयासरत लेबर पार्टी की सूची से जाहिर होता है कि कम से कम दो एशियाई व्यक्तियों, भारतीय मूल के राजन प्रसाद और चीनी मूल के पत्रकार और वकील रेमंड हो का संसद में पहुंचना तय है।
इन दोनों के अलावा विपक्षी नेशनल पार्टी को उम्मीद है कि संसद की पहली कोरियाई मूल की सदस्य मेलिसा ली और सिख सांसद कंवलजीत सिंह बक्शी की संसद में वापसी होगी।
वर्ष 2007 की जनगणना के अनुसार एशियाई मूल के 350,00 लोग न्यूजीलैंड के नागरिक हैं। इनमें 150,000 के करीब चीनी, 104,580 भारतीय और 30,000 कोरियाई मूल के लोग हैं।
120 सदस्यीय संसद में एशियाइयों की संख्या बहुत बड़ी नहीं है। अनुमान है कि अगले दो दशक में एशियाई आबादी मूल माओरी निवासियों की 800,000 की जनसंख्या के बराबर हो जाएगी।
गौरतलब है कि न्यूजीलैंड में जर्मनी की तरह समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली है। इसके अनुसार सभी संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में पार्टियों के उम्मीदवारों को प्राप्त मतों के प्रतिशत के आधार पर भी संसद में उनको सीटों का आवंटन किया जाता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।