भारत-पाक का मछुआरों के मामलों पर किसी का ध्यान नहीं
मुहम्मद नजीब
मुहम्मद नजीब
इस्लामाबाद, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। कश्मीर विवाद के बावजूद भारत-पाकिस्तान ने व्यापार आरंभ किया है लेकिन जल सीमा का उल्लंघन करने पर सुरक्षा बलों द्वारा पकड़े जाने और लंबे समय तक जेलों में रहने वाले मछुआरों की समस्याओं पर किसी का ध्यान नहीं है।
पाकिस्तानी मछुआरा समिति के महासचिव राशिद मेमन ने आईएएनएस को बताया कि अभी हाल ही में कराची दौरे पर आए ऑल गुजरात फिशरमैन फाउंडेशन के सदस्यों को विभिन्न पाकिस्तानी जेलों में बंद मछुआरों से मिलने की अनुमति नहीं दी गई।
उन्होंने इस बात पर दुख प्रकट किया कि दोनों देशों में से कोई भी सुरक्षा बलों के हाथों लगातार प्रताड़ित किए जा रहे गरीब मछुआरों पर ध्यान नहीं दे रहा है।
मेमन ने बताया कि उनकी सूचना के अनुसार भारत के 400 मछुआरे पाकिस्तानी जेलों में और 90 पाकिस्तानी मछुआरे भारतीय जेलों में बंद हैं। उन्होंने कहा कि तेज बहाव के कारण मछुआरे अक्सर दूसरे देश की जल सीमा में पहुंच जाते है।
दोनों देशों के सुरक्षा बलों के वरिष्ठ अधिकारी अपने मातहतों को जलसीमा में प्रवेश करते ही मछुआरों को पकड़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। राशिद की मांग है कि जलसीमा में भूल से प्रवेश करने वाले मछुआरों को वापस उनके देश भेज दिया जाना चाहिए।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।