तीन साल बाद भी पकड़ से दूर है दीवाली विस्फोट का मुख्य आरोपी
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। वर्ष 2005 में दीवाली के पूर्व दिल्ली में हुए बम विस्फोटों का मुख्य आरोपी अभी भी पकड़ से दूर है, जबकि दिल्ली पुलिस के अनुसार मामले की जांच पूरी हो चुकी है।
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। वर्ष 2005 में दीवाली के पूर्व दिल्ली में हुए बम विस्फोटों का मुख्य आरोपी अभी भी पकड़ से दूर है, जबकि दिल्ली पुलिस के अनुसार मामले की जांच पूरी हो चुकी है।
मामले के मुख्य आरोपी पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के स्वयंभू कमांडर अबू अलकामा व उसके तीन साथियों तक दिल्ली पुलिस अभी भी नहीं पहुंच पाई है।
वर्ष 2005 में दिल्ली में दीवाली के पूर्व हुए तीन बम धमाकों में 61 नागरिक मारे गए थे। धमाकों के तुरंत बाद दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने व्यापक तलाशी अभियान चला कर तारिक अहमद डार, मोहम्मद रफीक शाह, मोहम्मद हुसैन फाजली, फारूक अहमद बटलू व गुलाम अहमद खान जैसे एलईटी के पांच संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार किया।
इन संदिग्धों को विस्फोटक अधिनियम की विभिन्न धाराओं (आपराधिक षड़यंत्र, हत्या व हत्या के प्रयास) के तहत आरोपित किया गया। मामला अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बाबूलाल की अदालत में अभी तक लंबित पड़ा हुआ है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार मामले की जांच पूरी हो चुकी है और अदालत ने इस वर्ष अगस्त महीने से गवाहों के बयान दर्ज करने शुरू कर दिए।
मामले में गिरफ्तार डार ने दिल्ली पुलिस पर खुद को झूठा फंसाने का आरोप लगाया है। मामले से संबंधित एक अन्य संदिग्ध जम्मू व कश्मीर में दो साल पहले एक मुठभेड़ में मारा जा चुका है।
गिरफ्तार पांचों के अतिरिक्त पाकिस्तान भागे संदिग्धों की पहचान अबू अलकामा, साजिद अली, जैद व राशिद के रूप में की गई है।
पुलिस के अनुसार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विस इंटेलिजेंस (आईएसआई)ने उन्हें शरण दे रखा है।
पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ के संयुक्त आयुक्त करनाल सिंह के मुताबिक इंटरपोल ने एलईटी के उत्तर भारत के स्वयंभू कमांडर अलकामा व उसके साथी जैद के मामले में मदद से इंकार कर दिया है।
उधर जम्मू व कश्मीर पुलिस के अधिकारियों की तरफ से कही गई कुछ अपुष्ट खबरों के मुताबिक अलकामा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में अपने गृहनगर गुजरांवाला में एक मुठभेड़ में मारा जा चुका है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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