'ईसाई बने 42 हजार से ज्यादा, कानून का पालन किया 2 ने'
कंधमाल, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। पिछले दिनों ईसाई विरोधी हिंसा से झुलस उठे उड़ीसा के कंधमाल जिले में वर्ष 1991 से 2001 के बीच जिन 42,353 लोगों ने ईसाई धर्म अपनाया, उनमें से सिर्फ दो ने ही धर्म परिवर्तन कानून का पालन किया।
कंधमाल, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। पिछले दिनों ईसाई विरोधी हिंसा से झुलस उठे उड़ीसा के कंधमाल जिले में वर्ष 1991 से 2001 के बीच जिन 42,353 लोगों ने ईसाई धर्म अपनाया, उनमें से सिर्फ दो ने ही धर्म परिवर्तन कानून का पालन किया।
गौर करने वाली बात यह भी है कि जिले में ईसाइयों की जनसंख्या वृद्धि दर 66 प्रतिशत है। जिला निदेशालय के उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2001 की जनगणना में कंधमाल में ईसाइयों की आबादी 117,950 दर्ज की गई थी। जबकि एक दशक पहले इसी कंधमाल में ईसाइयों की जनसंख्या महज 75,597 थी।
जिला कलेक्टर कृष्ण कुमार के मुताबिक जिले में कुल आबादी की वृद्धि दर 18.6 प्रतिशत है। जबकि ईसाइयों की आबादी में 66 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है।
कुमार के मुताबिक उड़ीसा में धार्मिक आजादी अधिनियम वर्ष 1989 में प्रभाव में आया था। नियमानुसार कोई भी व्यक्ति किसी भी धर्म को बदलने या स्वीकारने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन उसे जिलाधीश कार्यालय में एक आवेदन जमा करना होता है। लेकिन वर्ष 1989 से 2008 के बीच अब तक मात्र दो आवेदन ही जमा कराए गए हैं।
ईसाइयों की जनसंख्या वृद्धि के कारणों के बारे में पूछने पर कुमार ने कहा कि इसके पीछे दो कारण हो सकते हैं : धर्म परिवर्तन व पलायन।
जिले की 650,000 आबादी में 53 प्रतिशत संख्या आदिवासियों की है। ईसाइयों की आबादी लगभग 118,000 है जिसका बड़ा हिस्सा दलित परिवारों से धर्म परिवर्तन कराने वालों का है।
कुमार के अनुसार धर्म परिवर्तन, आदिवासियों व दलितों के बीच जातीय विवाद, गरीबी तथा आदिवासियों के बीच बढ़ते हिंदू समूहों के प्रभाव के कारण क्षेत्र में हाल के वर्षो में कई बार सांप्रदायिक झड़पे हुई हैं।
गत 23 अगस्त को स्वामी लक्ष्मणानंद और उनके चार समर्थकों की हत्या के बाद कंधमाल में ईसाई विरोधी हिंसा भड़क उठी थी।
लक्ष्मणानंद की हत्या की जिम्मेदारी जबकि माओवादियों ने ली थी, लेकिन हिंदू नेता के समर्थकों ने इस बात पर जोर दिया कि इस हत्या के पीछे ईसाइयों का हाथ है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।