श्रीलंका के विशेष दूत तमिल मुद्दे पर वार्ता के लिए भारत पहुंचे (लीड-1)
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। श्रीलंका में तमिलों के खिलाफ हिंसा के मुद्दे पर वार्ता के लिए श्रीलंकाई राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के वरिष्ठ सलाहकार बासिल राजपक्षे शनिवार को भारत पहुंचे। भारत में इस मुद्दे पर विरोध दर्ज करते हुए अब तक 15 लोकसभा सांसदों और चार राज्यसभा सदस्यों ने अपना अग्रिम इस्तीफा करुणानिधि को सौंप दिया है।
बासिल राजपक्षे रविवार को विदेश मंत्री प्रणब मुखर्जी से बातचीत करेंगे और श्रीलंका में तमिलों के खिलाफ हो रही हिंसा के मद्देनजर सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से उन्हें अवगत कराएंगे।
राजपक्षे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम. के. नारायणन और विदेश सचिव शिवशंकर मेनन से भी मुलाकात करेंगे। संभावना है कि वे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी भेंट करेंगे।
विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी ने बुधवार को लोकसभा में श्रीलंका के हालात पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा था कि श्रीलंका में जारी समस्या का शांतिपूर्ण ढंग से राजनीतिक समाधान किया जाना आवश्यक है। मुखर्जी ने कहा था, "श्रीलंका में तमिलों समेत अल्पसंख्यकों के वैध अधिकारों का सम्मान करते हुए शांतिपूर्ण तरीके से राजनीतिक समाधान खोजे जाने की जरूरत है।"
उन्होंने कहा कि सरकार श्रीलंका के हालात विशेषकर उसके उत्तरी हिस्से में बिगड़ती मानवीय स्थितियों से बहुत चिंतित है। उन्होंने कहा कि भारत श्रीलंका में बेघर होने वालों की बढ़ती तादाद तथा श्रीलंकाई सेना और लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे)के बीच झड़पों की जद में आ रहे नागरिकों की पीड़ा से बहुत व्यथित है।
उधर गुरुवार को चेन्नई स्थित श्रीलंका के उप उच्चायुक्त पी. आमजा के कार्यालय पर छात्रों के एक समूह ने पत्थरबाजी की।
श्रीलंका में तमिलों के खिलाफ हिंसा के विरोध में तमिलनाडु के कई सांसद अपना इस्तीफा पार्टी प्रमुख को सौंप चुके हैं। सोमवार को तमिलनाडु में आयोजित एक सर्वदलीय बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि यदि भारत सरकार श्रीलंका में तमिलों पर किए जा रहे हमलों को रुकवाने के लिए 29 अक्टूबर तक कोई हस्तक्षेप नहीं करती, तो तमिलनाडु के सभी सांसद अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे देंगे।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।