सीआईआई ने की ब्याज दरों में कटौती की अनुशंसा
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर (आईएएनएस)। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने रविवार को मौजूदा वित्तीय संकट से उबरने के लिए ब्याज दरों में और कटौती की अनुशंसा की है।
परिसंघ ने एक वक्तव्य में कहा, "बाजार में तरलता बढ़ाने के लिए रेपो दर में 50 आधार अंकों (0.5 फीसदी) और नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 150 आधार अंकों (1.5 फीसदी) की कमी किया जाना आवश्यक है।"
सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था की पांच प्रमुख समस्याएं हैं-तरलता की कमी, पूंजी की ऊंची लागत, ऋण की कमी, विदेशी एक्सचेंज बाजारों में अस्थिरता और आत्मविश्वास की कमी।
बनर्जी के अनुसार, "ये सभी आपस में जुड़ी हुई हैं। हमारे विनिर्माण उद्योग पर इसका असर भी पड़ रहा है जल्द ही इसका असर अन्य क्षेत्रों पर भी पड़ेगा।"
सीआईआई ने सरकार से यह भी कहा है कि वह बैंक जमा पर कम से कम दो साल की गारंटी दे ताकि जमाकर्ताओं का विश्वास बरकरार रखा जा सके।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने गत शुक्रवार को की गई अपनी ऋण नीति और मौद्रिक नीति की तिमाही समीक्षा में ब्याज दरों में कोई परिवर्तन न करने की घोषणा की थी।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।