आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं: प्रधानमंत्री

By Staff
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manmohan singh
प्रधानमंत्री के विशेष विमान से, 26 अक्टूबर: प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शनिवार को इन आरोपों का खंडन किया कि उनकी सरकार ने सांप्रदायिक सद्भाव का माहौल बनाने की दिशा में पर्याप्त काम नहीं किया। उन्होंने यह बात हाल के महीनों में कुछ राज्यों में फैली सांप्रदायिक शत्रुता और दंगों के संदर्भ में कही।

प्रधानमंत्री ने बीजिंग में आयोजित एशिया-यूरोप बैठक (एएसईएम) से वापसी के दौरान अपने विमान में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, "मैं मीडिया और देश के अन्य लोगों से कहना चाहूंगा कि आतंकवाद को किसी धर्म से न जोड़ें। आतंकवादियों का कोई धर्म नहीं होता। धर्म की परवाह किए बिना हमें आतंकवाद से समग्र रूप में और प्रभावी तरीके निपटना होगा।"

सिंह ने कहा, "हम उससे निपटेंगे लेकिन आतंकवाद को किसी धर्म के साथ जोड़ कर न देखा जाए। यह समस्या को हल करने का सही तरीका नहीं है।" प्रधानमंत्री ने सांप्रदायिक हिंसा निरोधक विधेयक के पारित न हो पाने के कारणों के बारे में बात करते हुए कहा कि कुछ अल्पसंख्यक समूहों और स्वयंसेवी संगठनों ने इसके कुछ हिस्सों का विरोध किया था और इस पर आम सहमति भी नहीं बन पाई थी।

सुरक्षा बलों को प्राप्त विशेषाधिकार 'आर्म्ड फोर्सेस स्पेशल पावर एक्ट' (एफएसपीए) को हटाने के सत्तारूढ़ संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) के चुनावी वादे के बारे में उन्होंने कहा कि देश के कुछ अशांत राज्यों में जब तक जमीनी स्थितियों में सुधार नहीं होता तब तक उसे हटाया नहीं जा सकता।

सिंह ने कहा, "जम्मू कश्मीर और उत्तरपूर्व के राज्यों में समस्या बरकरार है और हम राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा मोल नहीं ले सकते।"

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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