वैश्विक मंदी से बढ़ सकती है बेराजगारी
ग्रीनस्पान ने कहा कि आर्थिक मंदी और ऋण संकट के कारण छंटनी और बेरोजगारी पर रोक लगाने की राह पाना मुश्किल है। सन 1987 से 2006 तक बैंक के प्रमुख रहे ग्रीनस्पान ने यह भी स्वीकार किया कि उनके कार्यकाल के दौरान ढीला हुआ विनियमन भी कुछ हद तक इस संकट का कारण बना।
उन्होंने कहा, "हम एक ऐसे ऋण संकट में उलझे हुए हैं जो शताब्दियों में सिर्फ एक बार आता है और अगले कई महीनों तक परिस्थितियों के नियंत्रित होने की कोई संभावना नहीं है।"
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