बलात्कार पीड़िता नन ने कैमरे के सामने सुनाई आपबीती (लीड-1)
नई दिल्ली/भुवनेश्वर, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। उड़ीसा के कंधमाल जिले में बलात्कार की शिकार हुई नन ने शुक्रवार को यहां नाटकीय अंदाज में आपबीती सुनाई। सरकार और राजनीतिक पार्टियों को कटघरे में खड़ा करते हुए उन्होंने कहा कि सभी ने उसकी तरफ से आंखें बंद कर ली थी।
भारतीय सामाजिक संस्थान में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में सिर व चेहरे को दुपट्टे से ढकी नन ने घटना के बारे में अपने हाथों लिखा एक बयान पढ़ कर सुनाया। 15 मिनट के अपने रोंगटे खड़े कर देने संबोधन के समाप्त होने के साथ ही वह वहां से चली गई।
अगस्त महीने की 25 तारीख को घटी घटना का विवरण देते हुए नन ने बताया कि 40-50 लोगों की भीड़ ने उसे व फादर थामस चेलंथाराइल को घर के बाहर खींच लिया। उसके बाद उसे एक संस्था के कार्यालय ले जाया गया, जहां उसके साथ बलात्कार किया गया। निर्वस्त्र हालत में उसे सड़क पर घुमाया गया।
घटना के बाद जब नन फादर थामस के साथ वहां से आधा किलोमीटर दूर नुआगांव बाजार की ओर जा रही थी, तब भी आतताइयों ने उसे रोकने और निर्वस्त्र करने की कोशिश की। वह पहले से अर्धनग्न अवस्था में थी। विरोध करने पर उसे थप्पड़ मारे गए व लाठियों से पीटा गया।
नन ने रोते हुए कहा कि उड़ीसा के विशेष सशस्त्र पुलिस के जवान घटनास्थल पर मौजूद थे, लेकिन सब तमाशबीन बने रहे।
हद तो तब हो गई जब किसी तरह एक पुलिस थाने पहुंचे पीड़ितों की शुरू में शिकायत तक दर्ज करने से अधिकारियों ने इनकार कर दिया।
दिल्ली के आर्कबिशप डोमिनिक एमेनुएल का कहना है कि नन इस उम्मीद में दिल्ली आई थी कि सर्वोच्च न्यायालय मामले की सीबीआई जांच न कराने के अपने निर्णय को शायद बदल देगा, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ हो नहीं पाया है।
ज्ञात हो कि इस संबंध में कटक के आर्कबिशप राफेल चीनथ की याचिका को खारिज करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य की जांच एजेंसी को सहयोग करने के लिए पीड़ित को निर्देश दिया था।
इस बीच, उड़ीसा सरकार मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान परेड की तारीख सुनिश्चित करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाने की तैयारी में है। उसने नन पर जांच में असहयोग का आरोप लगाया है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।