कश्मीर में घोषणा पत्र को लेकर कशमकश में राजनीतिक दल
जम्मू, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर मे विधानसभा चुनाव के पहले चरण को अब तीन सप्ताह रह गए हैं लेकिन राजनीतिक दलों को यह समझ में नहीं आ रहा कि वे जनता के बीच किस तरह के घोषणा पत्र को लेकर जाएं।
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को पहले चरण के लिए अधिसूचना जारी कर दी। 17 नवंबर को लेह, कारगिल, पुंछ और बांदीपोरे जिलों की 10 सीटों पर चहले चरण का चुनाव होगा।
कुछ महीने पहले तक राज्य की सत्ता में भागीदार रही पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के चुनाव में भाग लेने पर संशय बरकरार है। पीडीपी के एक अंदरूनी सूत्र का कहना है कि संभव है कि इस चुनाव में पीडीपी सिर्फ कश्मीर की पार्टी के रूप में खुद को पेश करे और इसी आधार पर घोषण पत्र भी जारी करे।
राज्य की दूसरी बड़ी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस एक बार फिर स्वायत्तता के मुद्दे पर वापस जाने का मन बना रही है जिसने उसे वर्ष 1996 में सत्ता दिलाई थी। पार्टी प्रमुख उमर अब्दुल्लाह का सिर्फ इतना ही कहना है कि पार्टी में इस पर चर्चा चल रही है।
दोनों प्रमुख राष्ट्रीय पार्टियां कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के समक्ष भी चुनौती घोषणा पत्र को लेकर ही है।
कश्मीर में कांग्रेस के अध्यक्ष सैफुद्दीन सोज ने कहा कि वरिष्ठ नेता मंगत राम शर्मा की अगुवाई में घोषणा पत्र तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है।
कांग्रेस के लिए जम्मू मजबूत गढ़ रहा है लेकिन कश्मीर भी उसके लिए महत्वपूर्ण है। वहीं उसकी परेशानी यह है कि भाजपा जम्मू में इस बार मजबूत होती दिखाई दे रही है। दरअसल भाजपा राज्य में धारा 370 खत्म करने की मांग के साथ चुनाव में उतरने की तैयार में है। माना जा रहा है कि उसे जम्मू में इसका फायदा मिल सकता है।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।