अब तक मुआवजे से महरूम हैं कुलदीप
नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। कुलदीप सिंह को एक पल भी इस बात का अफसोस नहीं होता कि उन्होंने अपनी जान की परवाह न कर यात्रियों से भरी बस में रखे बम को बाहर निकाल फेंका था लेकिन उन्हें अफसोस सिर्फ इसका है कि उनको अब तक चिकित्सा संबंधी मुआवजा नहीं मिल सका है।
नई दिल्ली, 24 अक्टूबर (आईएएनएस)। कुलदीप सिंह को एक पल भी इस बात का अफसोस नहीं होता कि उन्होंने अपनी जान की परवाह न कर यात्रियों से भरी बस में रखे बम को बाहर निकाल फेंका था लेकिन उन्हें अफसोस सिर्फ इसका है कि उनको अब तक चिकित्सा संबंधी मुआवजा नहीं मिल सका है।
दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) के बस चालक कुलदीप को चिकित्सा संबंधी मुआवजे का वादा किया गया था लेकिन अब तक उन्हें मात्र 63,00 रुपये का भुगतान सरकारी महकमे की ओर से किया गया है। अपनी उपेक्षा के लिए वे मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को जिम्मेदार मानते हैं।
डीटीसी से प्रतिमाह 8,500 रुपये की तनख्वाह उठाने वाले 36 वर्षीय कुलदीप का कहना है, "मैंने जो किया उस पर मुझे गर्व है। परंतु कभी-कभी लगता है कि मेरे साथ धोखा किया गया। मुझे शीला दीक्षित द्वारा घोषित चिकित्सा संबंधी मुआवजे के लिए बेहद मशक्कत करनी पड़ती है।"
उल्लेखनीय है कि 29 अक्टूबर 2005 को दिल्ली में हुए सिलसिलेवार बम विस्फोटों में कम से कम 65 लोगों की जानें चली गई थीं। उसी दिन कुलदीप ने बस में रखे गए बम को बाहर फेंक दिया था जिसकी वजह से 50 से ज्यादा लोगों की जान बच सकी थी। इस दौरान उनका दाहिना हाथ भी जल गया था और आज वे अपने दाहिने कान से कुछ सुन भी नहीं सकते हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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