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भारत मेरी सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगा : बराक ओबामा (विशेष साक्षात्कार) (रिपीट समाचार : जिन समाचार संगठनों को यह फाइल नहीं मिली उनके लिए दोबारा जारी)

By Staff
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शिकागो, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार बराक ओबामा का कहना है कि भारत के साथ मजबूत रिश्ते और करीबी रणनीतिक भागीदारी उनके प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी।

शिकागो, 23 अक्टूबर (आईएएनएस)। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार बराक ओबामा का कहना है कि भारत के साथ मजबूत रिश्ते और करीबी रणनीतिक भागीदारी उनके प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता रहेगी।

आईएएनएस को दिए विशेष साक्षात्कार में सीनेटर ओबामा ने कहा, "आतंकवाद पर अंकुश लगाने से लेकर एशिया में शांति और स्थायित्व को बढ़ावा देने समेत विभिन्न अहम मसलों पर अमेरिका भारत के साथ मिलकर काम करेगा।"

डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल करने के बाद दक्षिण एशिया के किसी पत्रकार को पहली बार दिए साक्षात्कार में ओबामा ने कहा, "जो बिडेन और मैं रणनीतिक भागीदारी समेत भारत के साथ मजबूत संबंध कायम करने को सर्वोच्च प्राथमिकता देंगे।"

ओबामा ने कहा,"मैं यह भी मानता हूं कि 21वीं सदी में भारत अमेरिका का सहज रणनीतिक भागीदार है और अमेरिका को उसके साथ आतंकवाद पर काबू पाने से लेकर एशिया में शांति और स्थायित्व को बढ़ावा देने समेत विभिन्न पेचीदा मसलों पर काम करना चाहिए।"

साक्षात्कार में ओबामा ने आव्रजन सुधारों और वैश्विकरण और अमेरिकी कामगारों के लिए काम से लेकर बदलाव की प्रक्रिया में भारतीय मूल के अमेरिकियों की सक्रिय भागीदारी जैसे विभिन्न मसलों पर विस्तार से चर्चा की।

उन्होंने कहा कि वे "विश्व के सर्वाधिक प्रतिभासंपन्न लोगों में से कुछ को अमेरिका के प्रति आकृष्ट करने के वास्ते" एच-वनबी वीजा कार्यक्रम समेत "समग्र आव्रजन सुधार"के पक्ष में हैं।

ओबामा ने कहा कि वे एच वन-बी वीजा के दुरूपयोग पर रोक लगाना चाहते हैं। इस वीजा का इस्तेमाल अमेरिका में काम करने वाले अत्याधिक कुशल विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है।

ओबामा ने कहा कि प्रवासी कामगारों को अमेरिका में रहने के अधिकार के मामले उनके नियोक्ता पर कम से कम निर्भर बनाएंगे तथा उनके नियोक्ता को जवाबदेह ठहराएंगे जो प्रणाली का दुरूपयोग और कामगारों से दुर्व्यवहार करते हैं।

उन्होंने कहा कि ओबामा प्रशासन भारतीय मूल के अमेरिकियों के 'जीवंत' समुदाय के साथ मजबूत संबंध बनाएगा और बदलाव लाने के लिए उनकी सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा।

वैश्चिक प्रतिस्पर्धा की बात स्वीकार करते हुए ओबामा ने कहा, "यह एक सच्चाई है, जिसे बदला नहीं जा सकता। लेकिन हमें भूमंडलीकरण और अमेरिकी कामगारों के लिए काम जुटाने का मार्ग ढूंढना होगा।"

ओबामा ने शिकागो से ही अपने करियर की शुरूआत की थी। इलिनॉएस के सीनेटर के रूप में भारतीय मूल के अमेरिकी समुदाय के साथ ओबामा के गहरे रिश्ते रहे क्योंकि वे इंडो-अमेरिकन डेमोक्रेटिक आर्गेनाइजेशन जैसे प्रमुख राजनीतिक नेटवर्क के साथ मिलकर आव्रजन में सुधार से लेकर वित्त, स्वास्थ्य संबंधी देखभाल और शिक्षा जैसे मसलों पर निरंतर काम करते रहे।

ओबामा द्वारा आईएएनएस को दिए साक्षात्कार के मुख्य अंश इस प्रकार हैं:

प्रश्न: प्रवासियों का बरसों से अमेरिका में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। क्या आपकी आव्रजन कानूनों में सुधार की योजना है ताकि अमेरिका फिर से दुनियाभर की प्रतिभाओं को अपनी ओर आकृष्ट कर सके?

उत्तर: व्यापक आव्रजन सुधारों तैयार करने में मैंने अहम भूमिका निभाई है और मेरा मानना है कि हमारी ध्वस्त आव्रजन प्रणाली सिर्फ राजनीति को दरकिनार कर और प्रवासियों के देश की हमारी विरासत को बरकरार रखते हुए सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने वाले समाधान की पेशकश करके ही दुरूस्थ की जा सकती है। मेरा मानना है कि हमें अपनी सरहदों की हिफाजत करनी चाहिए, ध्वस्त आव्रजन व्यस्था को दुरूस्त करना चाहिए और अवैध तरीके से रह रहे एक करोड़ 12 लाख लोगों को हर्जाना देना चाहिए, अंग्रेजी सीखनी चाहिए और नागरिकता पाने की कतार में खड़ा होना चाहिए। मैं वैध तरीके से आने वाले ऐसे लोगों की संख्या में भी वृद्धि करूंगा, जो एक हद तक परिवारों को मिलाए और नौकरियों की मांग पूरी करें, जो नियोक्ता पूरी नहीं कर सकते।

प्रश्न: क्या आपकी आउटसोर्सिग को सीमित करने की योजना है या फिर आप इस बात को तरजीह देंगे कि अमेरिकी कंपनियां इस चुनौती का सामना करने को तैयार हो जाएं?

उत्तर: संचार और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र की क्रांति की वजह से जहां भी इंटरनेट कनेक्शन हैं, नौकरियां उस जगह पहुंच गई हैं और उन नौकरियों के लिए शिकागो और बोस्टन के कामगारों को बेंगलूर और बीजिंग के कामगारों से स्पर्धा करनी पड़ रही है। हम बहुत ज्यादा प्रतिस्पर्धा वाली दुनिया में जीते हैं और इसे तथ्य को कोई बदल नहीं सकता। हम जानते हैं कि हम अपनी अर्थव्यवस्था के गिर्द दीवारे नहीं खड़ी कर सकते, लेकिन हम वैश्विकरण और अमेरिकी कामगारों के लिए रोजगार के लिए रास्ता अवश्य ढूंढ सकते हैं।

अमेरिकी कामगारों को समर्थन और वैश्विक अर्थव्यवस्था में स्पर्धा करने के लिए साधनों की आवश्यकता है। इसलिए मैं कई कदम उठाऊंगा।

प्रश्न: क्या आप पाकिस्तान के नाजुक हालात से चिंतित हैं जहां आतंकवादी नेटवर्क मौजूद हैं?क्या आप पाकिस्तान को विश्वस्त सहयोगी मानते रहेंगे?

उत्तर: मैं पाकिस्तान सरकार के साथ अस्थायी गठबंधन नहीं बल्कि वहां की जनता के साथ व्यापक और दीर्घकालिक संबंध बनाना चाहता हूं। अमेरिका और पाकिस्तान आतंकवाद से निपटने और पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा के साथ आतंकवादियों के आश्रयस्थलों को नष्ट करने के लिए एकजुट होकर काम करते रहेंगे। मैं पाकिस्तान को इन क्षेत्रों में निरक्षरता, गरीबी और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं की किल्लत जैसी चुनौतियों से निपटने में सहायता देता रहूंगा। मैं लोकतांत्रिक संस्थाओं, नागरिक समाज और न्यायपालिका की आजादी का समर्थन करूंगा।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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