चुनाव घोषणा के बाद बंटने लगा 'बकरा भात'
दंतेवाड़ा, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों के घोषणा के साथ ही दंतेवाड़ा जिले के विस्थापित जनजातीय मतदाताओं को लुभाने के लिए राजनीतिक दल अब उनके बीच सूखी दाल-रोटी और दाल-भात की जगह बकरा-भात बांट रहे हैं।
हजारों ऐसे विस्थापित परिवारों की फिलहाल खाने-पीने की चांदी हो चली है।राज्य के ऐसे लगभग 20,000 मतदाता इन राहत शिविरों में रह रहे हैं।
प्रदेश सरकार ने सूबे के कोंटा और बीजापुर जिले में ऐसे 23 शिविर बनाए हैं, जबकि दंतेवाड़ा में 12 शिविर बनाए गए हैं। इन मतदाताओं को लुभाने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) जैसे राजनीतिक दलों के नेताओं ने इन शिविरों पर डेरा डाल दिया है और विस्थापितों को रोजाना बकरा-भात खिला रहे हैं।
इन विस्थापितों में तो कई ऐसे भी हैं जिन्हें यह नहीं पता है कि अचानक खाने के व्यंजन में इतनी तब्दीली कहां से आ गई।
नक्सली हिंसा से प्रभावित इन क्षेत्रों के कम से कम तीन विधानसभा सीटों में इन जनजातियों का खासा प्रभाव है। इन जनजातीय उम्मीदवारों की पार्टियों की जीत-हार में महत्वपूर्ण भूमिका होती है। इसलिए उम्मीदवारों के बीच विस्थापितों को अच्छे से अच्छा खाना खिलाकर उन्हें अपने पक्ष में करने की होड़ मची है।
90 सीटों वाली राज्य विधानसभा के लिए आगामी 14 और 20 नवम्बर को चुनाव होने हैं।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।