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मनसे ने मचाया उत्पात, राज को बितानी पड़ेगी हिरासत में रात (राउंडअप)

By Staff
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मुंबई, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर भारतीयों पर समर्थकों द्वारा किए हमले के आरोप में गिरफ्तार महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के कुछ ही मिनट बाद जमानत दे दी गई। हालांकि, ठाकरे को मनसे द्वारा की गई हिंसा के एक अन्य मामले में पुलिस हिरासत में भेज दिया गया, जहां उन्हें रात बितानी पड़ेगी।

मुंबई, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर भारतीयों पर समर्थकों द्वारा किए हमले के आरोप में गिरफ्तार महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे को 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के कुछ ही मिनट बाद जमानत दे दी गई। हालांकि, ठाकरे को मनसे द्वारा की गई हिंसा के एक अन्य मामले में पुलिस हिरासत में भेज दिया गया, जहां उन्हें रात बितानी पड़ेगी।

इस बीच ठाकरे की गिरफ्तारी के विरोध में पार्टी कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को जमकर उत्पात मचाया और करीब 38 बसों व 350 टैक्सियों को क्षतिग्रस्त कर दिया। कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए पथराव में कई लोग घायल भी हो गए।

बांद्रा की अदालत संख्या 32 के न्यायिक मजिस्ट्रेट जी. आर. वानखेड़े ने बांद्रा पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामले में ठाकरे को जमानत दे दी। साथ ही वानखेड़े ने ठाकरे को कल्याण पुलिस के हवाले किए जाने संबंधी एक आवेदन को स्वीकार कर लिया।

सरकारी वकील मजीद मेनन ने बताया कि कल्याण पुलिस ने रविवार को उत्तर भारतीयों पर मनसे द्वारा किए गए हमले के मामले में ठाकरे को हिरासत में लेने की मांग की थी।

मनसे नेताओं से मिले संकेतों के मुताबिक ठाकरे को बुधवार को जमानत मिलने के बाद उन्हें झारंखड पुलिस को सौंपा जा सकता है ताकि उन्हें जमशेदपुर की अदालत में पेश किया जा सके।

इससे पहले मंगलवार तड़के यहां से करीब 250 किलोमीटर दूर रत्नागिरी से गिरफ्तार ठाकरे को कड़ी सुरक्षा के बीच बांद्रा-कुर्ला कांप्लेक्स पुलिस थाना लाया गया, जहां उनकी पत्नी शर्मिला और पार्टी के अन्य नेता मौजूद थे।

इसके बाद उन्हें ब्रांद्रा की अदालत में पेश किया गया जहां पुलिस को उनके समर्थकों पर लाठीचार्ज करना पड़ा। अदालत ने 15 हजार के मुचलके पर उन्हें जमानत दे दी। अदालत ने ठाकरे को किसी भी हिंसक स्थिति से बचने, गवाहों को किसी भी तरीके से प्रभावित नहीं करने, और सात दिनों तक सुबह 11 बजे एक घंटे तक खेरवाड़ी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया।

इस बीच उपमुख्यमंत्री आर. आर. पाटिल ने मंगलवार को कहा कि मनसे की हिंसा से प्रभावित लोगों को सरकार मुआवजा देगी। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार मनसे से यह राशि वसूल लेगी लेकिन वसूली कैसे की जाएगी, उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं कहा।

उधर, बांद्रा अदालत के पास कार्यकर्ताओं ने वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे जाम कर दिया और वाहनों पर पथराव किया। हालांकि, उपनगरीय रेल व्यवस्था पर किसी तरह का कोई असर नहीं हुआ। कुछ क्षेत्रों में बसों, टैक्सियों और ऑटो रिक्शा में आग लगा दी गई। हिंसा पर उतरे मनसे कार्यकर्ताओं पर काबू पाने के लिए पुलिस को कई जगह आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

राज्य कांग्रेस प्रवक्ता संजय निरुपम के कार्यालय में भी तोड़फोड़ की गई। गैर मराठियों द्वारा चलाए जाने वाले कई व्यावसायिक प्रतिष्ठान एहतियातन बंद रखे गए।

सभी स्कूलों और कालेजों को पहले 10 बजे तक और फिर दो बजे तक बंद कर दिया गया। मनसे के उत्पात से बचने के लिए शहर के लोग घरों में बंद रहे और गलियां सूनी पड़ी रही।

इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।

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