टेस्ट मैचों में दर्शक जुटाने की जुगत लगाएंगे प्रशासक
मोहाली, 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। नतीजे के लिहाज से भारत और आस्ट्रेलिया के बीच यहां खेला गया दूसरा टेस्ट मैच इतना रोचक था कि पंजाब क्रिकेट संघ स्टेडियम खचाखच होना चाहिए था लेकिन यह टेस्ट क्रिकेट का दुर्भाग्य है कि पांचवें दिन भी स्टेडियम में महज कुछ हजार लोग मौजूद थे।
इसी समस्या से निपटने के लिए क्रिकेट प्रशासकों ने कमर कसने की तैयारी कर ली है। एक तरफ जहां भारत में खेले जाने वाले इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैचों के दौरान स्टेडियम में जगह नहीं होती वहीं दूसरी ओर टेस्ट मैचों के दौरान इक्के-दुक्के दर्शक नजर आते हैं।
प्रशासकों को लगने लगा है कि यही हाल रहा तो वह दिन दूर नहीं जब ट्वेंटी-20 का रोमांच टेस्ट क्रिकेट को ले डूबेगा।
आलम यह है कि 30,000 क्षमता वाले पीसीए स्टेडियम में रोजाना एक से दो हजार लोग नजर आए। वह तो गनीमत है कि पंजाब सरकार और पीसीए के सौजन्य से यहां लाए गए पंजाब के ग्रामीण इलाकों के युवकों से स्टेडियम थोड़ा गुलजार दिखा।
अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी हारुन लोरगाट ने भी दर्शकों की कमी को लेकर चिंता जताई थी। लोरगाट ने कहा था कि दर्शकों की कमी के कारण टेस्ट क्रिकेट की गरिमा प्रभावित नहीं होने दी जाएगी।
आईसीसी के मुख्य सलाहकार और पीसीए के अध्यक्ष आई.एस. बिंद्रा ने कहा कि यह समस्या बहुत बड़ी नहीं है। लोग अगर स्टेडियम में नहीं आ रहे हैं तो इसका मतलब यह है कि वे टीवी पर मैच का लुत्फ उठा रहे हैं।
बिंद्रा ने कहा, "टीवी चैनलों की टीआरपी देखकर साफ पता चलता है कि कितनी बड़ी संख्या में लोग टीवी पर क्रिकेट मैच देख रहे हैं। हम बिल्कुल नहीं मान सकते कि ट्वेंटी-20 के कारण टेस्ट मैचों में दर्शकों की संख्या कम हुई है।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।