भारत और पाक के बीच नियंत्रण रेखा के आर-पार व्यापार शुरू (लीड-1)
रांगेर(जम्मू कश्मीर), 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। छह दशकों में पहली बार भारतीय वाहनों के नियंत्रण रेखा पारकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में दाखिल होने के साथ ही मंगलवार को दोनों ओर व्यापार ही शुरू नहीं हुआ बल्कि दोनों पड़ोसी एक-दूसरे के कुछ और करीब भी आ गए।
रांगेर(जम्मू कश्मीर), 21 अक्टूबर (आईएएनएस)। छह दशकों में पहली बार भारतीय वाहनों के नियंत्रण रेखा पारकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में दाखिल होने के साथ ही मंगलवार को दोनों ओर व्यापार ही शुरू नहीं हुआ बल्कि दोनों पड़ोसी एक-दूसरे के कुछ और करीब भी आ गए।
जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एन. एन. वोहरा ने उत्तरी कश्मीर के सलामाबाद उड़ी में पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मुजफ्फराबाद के लिए वाहनों के पहले काफिले को हरी झंडी दिखाई, जबकि पुंछ-रावलाकोट मार्ग पर व्यापार शुरू करने के लिए वाहनों के काफिले को वोहरा के सलाहकार एच.एच. तय्यबजी ने रवाना किया।
राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर आचार संहिता लागू हो जाने की वजह से किसी भी राजनीतिक हस्ती को इन व्यापार-मार्गो के उद्घाटन की इजाजत नहीं दी गई।
फलों और सब्जियों से लदे तीन ट्रक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में दाखिल हुए। इसके साथ ही सीमा के आर-पार के 1948 के युद्ध के बाद से बंद पड़े व्यापार का एक बार फिर से आगाज हो गया। इससे पहले 2005 में दोनों मुल्कों के लोगों को नियंत्रण रेखा पार करने की तो इजाजत मिल गई थी लेकिन वे पैदल ही एक-दूसरे की सीमा में दाखिल होते थे।
फिलहाल केवल 21 वस्तुओं के व्यापार की ही इजाजत दी गई है जिनमें कालीन, सेब, मेवे, दस्तकारी की वस्तुएं आदि शामिल हैं।
तय्यबजी ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि व्यापार के लिए वस्तुओं की सूची में कुछ और चीजों को शामिल करना होगा, ताकि यह जम्मू के लिए भी उपयोगी हो सके। मौजूदा सूची में जो फल और दस्तकारी की वस्तुएं हैं, वे कश्मीर से संबद्ध हैं। अधिकारियों ने बताया कि पाकिस्तान इस मार्ग पर व्यापार बुधवार को शुरू करेगा।
चैम्बर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष राम सहाय ने बताया कि पाकिस्तानी पक्ष ने पुंछ मार्ग खोलने में कुछ विलंब करने को कहा था लेकिन आगामी चुनावों को देखते हुए हम व्यापार को इसी तारीख से शुरू करना चाहते थे। उन्होंने बताया,"आज हम सिर्फ सीमा पार के अपने भाइयों के लिए फल और सब्जियों का उपहार भेज रहे हैं।"
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।
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