अब चंद्रायन के उड़ने का इंतजार
चेन्नई, 20 अक्टूबर (आईएएनएस)। चंद्रमा पर भेजे जा रहे भारत के पहले उपग्रह चंद्रायन के अब आसमान में बस छोड़े जाने का इंतजार है। इससे संबंधित सभी तैयारियां पूरी की जा चुकी हैं।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) टेलीमेट्री के निदेशक 55 वर्षीय एस.के. शिवकुमार इस उपग्रह के छोड़े जाने की घड़ी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
दरअसल, इस उपग्रह के लिए उन्होंने जो ट्रैकिंग एंटीना तैयार किया है, उसे लेकर वह काफी उत्साहित हैं। उन्हें बुधवार की सुबह उस घड़ी का इंतजार है, जब वह इसके छोड़े जाने के बाद उसकी धीमी गति वाली ट्रैकिंग प्रणाली को चालू कर उसे आजमा सकें।
शिवकुमार ने आईएएनएस को बेंगलुरू से फोन पर बताया कि कुछ दिनों तक ट्रैकिंग एंटीना मात्र 0.1 मिलीडिग्री प्रति सेकंड की रफ्तार से आगे बढ़ेगा। एंटीना की इस गति को कोई देख नहीं पाएगा लेकिन यह गतिशील होगा।
सुदूर संवेदन या संचार उपग्रहों के मामले में ट्रैकिंग एंटीना 0.4 डिग्री प्रति सेकंड की दर से गति करता है।
शिवकुमार के अनुसार उन्हें इस उपग्रह के लिए एंटीना की गति इसी अनुपात में निर्धारित करनी थी।
बी.एससी, बीई व एम.टेक जैसी तीन उपाधियों वाले शिवकुमार को इस चंद्र अभियान के लिए ट्रैकिंग एंटीना तैयार करने के लिए मात्र 4 साल का समय दिया गया था। शुरू में वे इस समय सीमा को लेकर चिंतित थे। लेकिन उन्होंने और उनकी टीम ने न केवल समय पर अपना काम पूरा कर लिया, बल्कि एक जापानी चंद्रयान सेलेनी (एसईएलईएनई) के जरिए अपने सभी उपकरणों का परीक्षण भी कर लिया।
इंडो-एशियन न्यूज सर्विस।